कोटा न्यूज़ डेस्क – कोटा गैस त्रासदी से प्रभावित बच्चों से मिलने के लिए दोपहर में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्य के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर जेके लोन अस्पताल पहुंचे। उन्होंने डॉक्टरों की टीम के साथ अस्पताल में भर्ती बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। और उचित उपचार के निर्देश दिए। बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए अध्यक्ष बिरला ने कहा- मैंने सभी बच्चों से मुलाकात की है। बच्चों की डॉक्टरों की टीम द्वारा लगातार निगरानी की जा रही है, बच्चे अब स्वस्थ हैं। मेडिकल बोर्ड द्वारा बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है। प्रशासन को सभी विषयों की विस्तृत जांच करने को कहा गया है। घटनाक्रम और घटना के पहलुओं की जांच करें। परिजनों को सहयोग और मदद मिले, साथ ही फैक्ट्री मालिकों को भी पाबंद किया जाए कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। घटना की पूरी जांच रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी।
बॉयलर विभाग और प्रदूषण बोर्ड द्वारा अमोनिया गैस लीक से इनकार किए जाने के बारे में पूछे जाने पर बिरला ने कहा कि प्रशासन और सरकार ने इस संबंध में विशेष जांच के आदेश दिए हैं। इससे संबंधित सभी विभाग अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को देंगे। सरकार इस पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट देगी।उन्होंने कहा कि अभी कारणों का पता नहीं चल पाया है कि ऐसा क्यों हुआ। कुछ बच्चों की आंखों में तकलीफ थी, कुछ को सांस लेने में तकलीफ थी, अलग-अलग बच्चों ने यह जानकारी दी है। जब तक मेडिकल बोर्ड पूरी जांच के बाद यह प्रमाणित नहीं कर देता कि बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है, तब तक उसे घर भेजा जा सकता है, तब तक उसकी मेडिकल जांच जारी रहेगी।
गैस रिसाव के लक्षण- मंत्री हीरालाल नागर
मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि मेडिकल बोर्ड की पूरी टीम बच्चों की मेडिकल स्वास्थ्य जांच में लगी हुई है। फिलहाल सभी बच्चे स्वस्थ हैं। परिजनों की संतुष्टि के बाद ही उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी जाएगी।नागर ने कहा कि गैस रिसाव के लक्षण जिस तरह से बच्चों में लक्षण पाए गए हैं, आंखों में जलन, आंसू आना, घुटन महसूस होना, गले में रुकावट, कुछ बदबू भी आई, ये सब संकेत हैं कि अमोनिया गैस लीक हुई है। अब यह कैसे हुआ इसकी जांच की जा रही है। जांच के बाद ही तय होगा कि लापरवाही हुई या नहीं।बच्चों से मुलाकात के दौरान मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. संगीता सक्सेना, जेके लोन अधीक्षक डॉ. निर्मला शर्मा सहित विभिन्न विभागों के चिकित्सक मौजूद थे।