राजसमंद न्यूज़ डेस्क – जिले में पिछले कुछ दिनों से बढ़ रहे तापमान के कारण किसान चिंतित हैं। तापमान बढ़ने से गेहूं व जौ की फसलों के दाने छोटे रह जाएंगे और उनका वजन भी नहीं बढ़ेगा। इससे उत्पादन में कमी के साथ गुणवत्ता भी प्रभावित होने की संभावना है। जिले में 57,993 हेक्टेयर में रबी की फसलों की बुवाई की गई है। इसमें अधिकांश फसलें अगेती हैं, लेकिन गेहूं व जौ की फसलें पछेती हैं। पिछले कुछ समय से तेज धूप व तापमान में बढ़ोतरी का क्रम बना हुआ है।
रविवार को अधिकतम तापमान 31 डिग्री पर पहुंच गया। खेतों में फसलें लहलहा रही हैं। पछेती फसलों में बालियां आने लगी हैं। उनमें दाने आने लगे हैं। ऐसे में बढ़ते तापमान के कारण फसलें पीली पड़ने लगी हैं। इससे बालियां छोटी रह जाएंगी और उसका दाना छोटा होने से गुणवत्ता प्रभावित होने से इनकार नहीं किया जा सकता। सही से विकसित नहीं होने पर दाने का वजन भी नहीं बढ़ेगा। कृषि विभाग के विशेषज्ञों के अनुसार करीब 6 से 7 हजार हेक्टेयर में पछेती बुवाई मानी जा रही है। इसमें 7-8 प्रतिशत नुकसान की संभावना है, जबकि अगेती फसलों की स्थिति ठीक है। हालांकि फसलों की सिंचाई के लिए नहरें भी खुली हैं। इससे फसलों की सिंचाई जारी है। इससे कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।
अगले माह शुरू होगी फसलों की कटाई
जिले में रबी फसलों की कटाई का दौर मार्च माह में शुरू होगा। इसके तहत 10 से 15 मार्च के बीच फसलों की कटाई शुरू होगी, जो 15 अप्रैल तक चलेगी। हालांकि अगेती फसलों की कटाई इस माह के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है। गेहूं का दाना छोटा होने पर समर्थन मूल्य पर खरीद में दिक्कत आती है। पिछले वर्ष भी किसानों को इस परेशानी का सामना करना पड़ा था।
उत्पादन में आएगा अंतर, फसल जल्दी पकेगी
तापमान बढ़ने से गेहूं और जौ की फसल में अंतर आएगा। दाना तो बनेगा, लेकिन जल्दी पकेगा। इससे उत्पादन में 5-7 प्रतिशत की कमी आ सकती है। इसके अलावा अन्य फसलों में कोई अंतर नहीं आएगा।