सीकर न्यूज़ डेस्क – सीकर का हर्ष पर्वत राजस्थान की खूबसूरत जगहों में से एक है। माउंट आबू के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा पर्वत है। इसकी ऊंचाई 3100 फीट है। यह ऐतिहासिक पर्यटन स्थल है। इस पर्वत पर मौजूद शिव मंदिर को औरंगजेब की सेना ने नष्ट कर दिया था। इसके प्रमाण आज भी इस स्थान पर जाकर देखे जा सकते हैं। भगवान गणेश की दुनिया की एकमात्र अर्धनारीश्वर मूर्ति इसी हर्ष पर मौजूद है। इसे गणेशी अवतार भी कहते हैं। यह मूर्ति 1048 साल पुरानी है।
अंधकासुर का वध करने के लिए लिया था स्त्री रूप
धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण ने बताया कि पुराणों के अनुसार अंधकासुर नाम के राक्षस ने तीनों लोकों पर विजय प्राप्त कर ली थी। राक्षस अंधकासुर से भयभीत सभी देवता भगवान शिव के पास गए और इस समस्या के समाधान के लिए प्रार्थना की। भगवान शिव ने अंधकासुर का वध किया और उसका रक्त पीने के लिए दो सौ देवियों को प्रकट किया। भगवान गणेश का स्त्री रूप भी उनमें से एक था। तब भगवान गणेश ने स्त्री का रूप धारण किया। इसे उनका गणेशी या विनायकी रूप कहा जाता है। यह दुनिया की सबसे पुरानी और एकमात्र अर्धनारीश्वर गणेश प्रतिमाओं में से एक है।
जैन और बौद्ध धर्म में भी होती है विनायकी की पूजा
हिंदू धर्म के साथ-साथ जैन और बौद्ध धर्म में भी विनायकी अवतार की पूजा की जाती है। यह अर्धनारीश्वर गणेश प्रतिमा हर्ष मंदिर के दक्षिण में स्थित है। इसमें भगवान का सिर हाथी का और धड़ महिला का है। जो मूर्ति में साफ दिखाई देता है। यहां गणेश की शक्ति को गणेश्वरी के रूप में माना और पूजा जाता है।
खाटूश्याम जी के पास है यह दुर्लभ स्थान
आपको बता दें कि भगवान गणेश की यह दुर्लभ प्रतिमा हर्ष पर्वत पर है। यह ऐतिहासिक पर्यटन स्थल होने के साथ-साथ धार्मिक दृष्टि से भी प्रसिद्ध है। यह भगवान शिव का दुर्लभ मंदिर और चमत्कारी भैरव मंदिर भी है। ये सभी मंदिर हर्ष पर्वत की चोटी पर बने हैं। यह स्थान विश्व प्रसिद्ध धार्मिक स्थल खाटूश्याम से 35 से 40 किलोमीटर दूर है।