नागौर न्यूज़ डेस्क – देवी-देवताओं के चमत्कारों के कारण अक्सर भक्त मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना करते हैं। वे मंदिर में जाकर मनोकामना मांगते हैं। ऐसा ही एक प्रसिद्ध मंदिर नागौर क्षेत्र के मिंडा रोड पर स्थित है। यह प्राचीन बालाजी मंदिर है। जहां भक्त अक्सर अपनी मनोकामना पूरी होने पर भजन कीर्तन करते हैं। मंदिर के गर्भगृह में प्राचीन बालाजी की मूर्ति स्थित है। यह मूर्ति बहुत प्राचीन है। यहां किसान भी बड़ी संख्या में अपने बीमार पशुओं के इलाज के लिए आते हैं। यहां से ली गई भभूत से पशुओं की बीमारी ठीक हो जाती है। इसे पशु वाला बालाजी भी कहते हैं।
ये हैं अनोखी मान्यताएं
प्राचीन बालाजी मंदिर को लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं। जहां इसे पशु वाला बालाजी मंदिर कहा जाता है। वहीं कुछ भक्त इसे लाल झंडा वाला बालाजी भी कहते हैं। यहां अक्सर लाल झंडा फहराया जाता है। भक्त की मनोकामना पूरी होने पर बालाजी मंदिर पर झंडा फहराने की प्रथा है। किसान अक्सर अपने बीमार पशुओं के इलाज के लिए यहां आते हैं। यहां से भभूत लेकर पशुओं को खिलाने से पशु चमत्कारिक रूप से ठीक हो जाते हैं।
मंदिर की संरचना भी अनूठी
मींडा रेनवाल रोड पर स्थित प्राचीन बालाजी मंदिर की संरचना और भाव अनूठा है। मंदिर के एक हिस्से में गर्भगृह है। भजन कीर्तन करने के लिए विशाल बरामदे में कमरे बने हैं, जहां रात्रि विश्राम भी होता है। यहां नागौर, कुचामन, डीडवाना, अजमेर, सीकर, जयपुर, कोटा समेत दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। वहीं, यहां श्रद्धालुओं के लिए पूजा-अर्चना और भजन कीर्तन के लिए रुकने की भी व्यवस्था की गई है। इस मंदिर में श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूरी होने पर बालाजी को लाल झंडा चढ़ाते हैं और भजन कीर्तन भी करते हैं।