OYO Hotel Rules: OYO होटल्स ने अपनी पॉलिसी में बड़ा बदलाव करते हुए कपल्स के लिए चेक-इन नियमों को सख्त कर दिया है। अब मेरठ में OYO होटल्स में चेक-इन के लिए कपल्स को अपने रिश्ते का प्रमाण (सर्टिफिकेट) दिखाना अनिवार्य कर दिया गया है। चाहे बुकिंग ऑनलाइन की गई हो या सीधे होटल में, यह दस्तावेज सभी ग्राहकों से मांगा जाएगा। कंपनी का कहना है कि यह नियम फिलहाल मेरठ में लागू किया गया है और ट्रायल के सफल होने पर इसे अन्य शहरों में भी लागू किया जा सकता है।
OYO ने दी सफाई: “पर्सनल फ्रीडम और सभ्यता दोनों जरूरी”
OYO के नॉर्थ इंडिया हेड पावस शर्मा ने कहा कि कंपनी सेफ हॉस्पिटैलिटी कल्चर बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “हम व्यक्तिगत स्वतंत्रता (पर्सनल फ्रीडम) का सम्मान करते हैं, लेकिन एक सभ्य समाज और बाजार की जरूरतों को ध्यान में रखना भी हमारी जिम्मेदारी है। समय-समय पर इस पॉलिसी की समीक्षा की जाएगी।”
मेरठ में विरोध के बाद लिया गया फैसला
OYO होटल्स को लेकर मेरठ में लंबे समय से विरोध प्रदर्शन हो रहे थे। सामाजिक संगठनों और स्थानीय लोगों ने OYO पर आरोप लगाए कि यहां अविवाहित जोड़ों को चेक-इन की अनुमति दी जा रही है। कई बार होटलों में छापेमारी की घटनाएं भी हुईं। इन्हीं शिकायतों और अपनी छवि को सुधारने के लिए OYO ने 1 जनवरी 2025 से नए नियम लागू कर दिए हैं।
फीडबैक के आधार पर बदली गई पॉलिसी
कंपनी ने बताया कि उसने इस फैसले से पहले लोगों से फीडबैक लिया। खासतौर पर मेरठ के सामाजिक संगठनों और स्थानीय निवासियों ने OYO में सिंगल लोगों या अविवाहित जोड़ों को रूम न देने की मांग की थी। इसके अलावा, देश के अन्य शहरों से भी ऐसी ही अपीलें की गईं, जिसके बाद कंपनी ने यह सख्त कदम उठाया।
OYO पार्टनर होटल्स को मिली बुकिंग रिजेक्ट करने की छूट
कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि OYO के पार्टनर होटल्स को सामाजिक संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए अपने विवेक के आधार पर कपल्स की बुकिंग रिजेक्ट करने का अधिकार दिया गया है।
OYO पर दायर हुई थी याचिका
कुछ सामाजिक संगठनों ने OYO के खिलाफ कोर्ट में याचिका भी दायर की थी। इन्हीं कानूनी और सामाजिक दबावों के चलते कंपनी को अपनी पॉलिसी में बदलाव करना पड़ा।
OYO की शुरुआत और सफर
OYO की स्थापना 2013 में रितेश अग्रवाल ने की थी। शुरुआत में यह कंपनी सस्ते और छोटे होटलों के साथ जुड़कर उनके ब्रांडिंग, मार्केटिंग, और तकनीकी सुधार पर काम करती थी। OYO का मॉडल होटलों की कमाई को बढ़ाने पर आधारित था। लंबे समय के संघर्ष के बाद OYO को वित्तीय वर्ष 2024 में पहली बार मुनाफा हुआ।
OYO के इस कदम ने एक नई बहस को जन्म दिया है, जहां पर्सनल फ्रीडम और सामाजिक संवेदनशीलता के बीच संतुलन बनाए रखने की कोशिश की जा रही है। अब देखना यह है कि मेरठ में लागू हुए इस नियम को देश के अन्य हिस्सों में कितना समर्थन मिलता है।