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Rajasthan News: Jaipur बर्ड फेस्टिवल का आयोजन कानोता कैंप में, देखने को मिलेंगी पक्षियों की कई प्रजातियां

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जयपुर न्यूज़ डेस्क, राजस्थान में हो रहे बर्ड फेस्टिवल की श्रृंखला में पहली बार ग्रीन पीपल सोसाइटी शनिवार को जयपुर बर्ड फेस्टिवल-2025 का आयोजन कर रही हैं। इस बर्ड फेस्टिवल में बच्चे, बूढे और जवान परिंदों की रंगीन दुनिया से रूबरू होंगे। इसके सफल आयोजन के लिए तैयारियां पूर्ण कर ली गयी हैं। प्रदेशभर के पक्षी प्रेमी और विशेषज्ञ कानोता पहुंच चुके हैं। फेस्टिवल संयोजक रिटायर्ड आईएएस विक्रम सिंह ने बताया कि जामडोली के पास कानोता कैंप में आयोजित होने वाले इस फेस्टिवल में लगभग 500 विद्यार्थियों, शिक्षकों व बर्ड प्रेमियों के लिए विभिन्न गतिविधिया आयोजित की जाएंगी। वन विभाग, पर्यटन विभाग, जयपुर विकास प्राधिकरण, रीको तथा डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया के सहयोग से आयोजित होने वाले इस बर्ड फेस्टिवल में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।

इसके तहत संभागियों व विद्यार्थियों का पंजीकरण किया जाएगा और विद्यार्थियों को विद्यार्थी किट,अल्पाहार, पक्षी पहचान पुस्तिका, कार्डबोर्ड नेस्ट, डीआईवाय किट व टोपी का वितरण किया जाएगा। इसके बाद पक्षी विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में स्पॉटिंग स्कोप एवं दूरबीन के माध्यम से बर्ड वॉचिंग करवाई जाएगी। साथ ही पेंटिंग व प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, पक्षी चित्रों पर डाक टिकटों की प्रदर्शनी, पक्षियों पर समूह चर्चा, आर्द्रभूमियों पर सम्मेलन-कार्यशाला आदि का आयोजन किया जाएगा। प्रशिक्षक, स्कूल शिक्षक, गैर सरकारी संगठनों को सशक्त बनाने के लिए उनके प्रशिक्षण हेतु एक विशेष कार्यशाला भी आयोजित की जाएगी जिसमें मानव संसाधन के विभिन्न पहलुओं पर बेंगलुरु स्थित विशेष संगठन अली बर्ड द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।बर्ड फेस्टिवल में गुजरात से एमके रणजीत सिंह, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के चीफ रवि सिंह, असद रहमानी, ग्रीन पीपल सोसायटी के अध्यक्ष व एनटीसीए मेंबर राहुल भटनागर सहित देश-प्रदेश के पर्यावरण व पक्षी विशेषज्ञों द्वारा भाग लिया जाएगा।

वेटलैंड्स पर कार्यशाला व फील्ड विजिट का रहेगा आकर्षण

प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार शनिवार को वेटलैंड्स पर कार्यशाला-सम्मेलन का आयोजन होगा जिसमें वन एवं पर्यावरण, राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जल संसाधन, पर्यटन विभाग, जयपुर विकास प्राधिकरण, जयपुर नगर निगम और बैंकों आदि के वरिष्ठ अधिकारी, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के प्रतिनिधि, चयनित गैर सरकारी संगठन, विशेषज्ञ और भाग लेंगे। चिकित्सकों, विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों से विचार-विमर्श में भाग लेने की उम्मीद है। वहीं प्रशिक्षकों और संसाधन व्यक्तियों के लिए टीओटी-कार्यशाला का आयोजन होगा जिसमें पक्षियों और उनके आवास आदि के विभिन्न पहलुओं पर बेंगलुरु स्थित एक विशेषज्ञ संगठन ‘अर्ली बर्ड’ द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

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Rajasthan E Khabar Webdesk

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