नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में ऑटो रिक्शा चालकों का वोट निर्णायक रहा है। ऐसा माना जाता रहा है कि दिल्ली के अधिकांश ऑटोचालक आम आदमी पार्टी को वोट देते हैं, लेकिन इस बार ऑटोचालकों का वोट बंट सकता है। दिल्ली के ऑटोचालक इस चुनावी मौसम में विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। आप के भरोसेमंद वोट बैंक के रूप में देखे जाने वाले ऑटो रिक्शा चालकों का कहना है कि उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
क्या बंट सकता है ऑटो ड्राइवरों का वोट
वर्षों से ऑटो चालकों ने दिल्ली की चुनावी राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सड़कों पर उनकी मौजूदगी और लाखों यात्रियों के साथ उनकी सीधी बातचीत वोटर को राय बनाने में प्रभावित कर सकती है। हालांकि, जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, आप के भरोसेमंद वोट बैंक में दरारें दिखाई देने लगी हैं। कई ऑटो चालकों को लगता है कि आप ने बीते समय में उनके फायदे के लिए काम किया है, लेकिन उनका मानना है कि उनकी परेशानियों को दूर करने के लिए और भी कुछ किया जा सकता था।
सीएनजी की बढ़ती कीमतों से परेशान हैं ऑटो ड्राइवर
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर ड्राइवर राजेश कुमार ने कहा कि उन्होंने (आप) कुछ साल पहले किराया बढ़ाया था, जो हमारे लिए अच्छा था, लेकिन अब, सीएनजी की कीमतें आसमान छू रही हैं। अन्य ऑटो चालकों ने ऑपरेशनल कॉस्ट के बारे में चिंता जताई। लक्ष्मी नगर के रहने वाले ऑटो चालक सुरेश यादव ने कहा कि रखरखाव महंगा है, फ्यूल महंगा है और यात्री हमेशा किराए पर मोल-तोल करते हैं। हम बढ़ती लागत और घटती आय के बीच फंस गए हैं।