नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बजट को आर्थिक क्षेत्र में सरकार के वैचारिक दिवालियापन की संज्ञा देते हुये कहा कि बजट प्रस्तावों में अर्थव्यवसथा में सुधार के लिये कोई ठोस बात नहीं है। कांग्रेस नेता ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में कुछ भी नया नहीं था और बजट में तबाह हो रही अर्थव्यवस्था को संभालने के कोई प्रयास नहीं किये गये हैं। इसमें जो कुछ भी कदम उठाने की कोशिश हुई है, वह गोली के घाव पर बैंडेज लगाने जैसा है।
गांधी ने अपनी बजट प्रतिक्रिया में कहा कि गोली के घावों के लिये एक बैंडेज-सहायता। वैश्विक अनिश्चितता के बीच हमारे आर्थिक संकट को हल करने के लिये एक आदर्श बदलाव की आवश्यकता है, लेकिन यह सरकार विचारों से दिवालिया है।