भोपाल। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वाटरशेड यात्रा सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि धरती को बचाने की यात्रा है और पानी को बचाने के लिए सरकारों के साथ समाज का सहयोग भी आवश्यक है। चौहान ने यहां वाटरशेड यात्रा का उद्घाटन किया। भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग ने परियोजना क्षेत्रों में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई 2.0) के वाटरशेड विकास घटक के तहत किए गए वाटरशेड विकास गतिविधियों के बारे में लोगों की भागीदारी बढ़ाने और जागरुकता पैदा करने के लिए एक व्यापक अभियान वाटरशेड यात्रा प्रारंभ किया है।
इस दौरान चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि जल हमारे जीवन का आधार है, तो वहीं रेत हमारा अस्तित्व है। जल और रेत दोनों ठीक दशा में न रहें, तो जिंदगी की दशा क्या होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूरदर्शी हैं, वो आने वाले 100 साल की सोचते हैं। आने वाले कल में हमारी पीढिय़ाँ कैसे जीवित रहेंगी, इस बारे में सोचना पड़ेगा। उन्होंने जनता का आह्वान करते हुए कहा कि हर गाँव, किसानों को, पंचायतों, जनप्रतिनिधिओं, गैरसरकारी संगठनों और स्वसहायता समूहों को इससे जोड़ना है। इसके लिए हमने वॉटरशेड यात्रा निकालने का संकल्प लिया है। ये महज यात्रा नहीं, धरती को बचाने की यात्रा है।