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Barmer News: बाड़मेर के बाखासर रण के पास सूखा बंदरगाह बनाने की रिपोर्ट तैयार, अब IIT मद्रास तैयार करेगा गणितीय मॉडल

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Barmer News: बाड़मेर- जैसलमेर सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने हाल ही में बाड़मेर जिले के बाखासर में एक कृत्रिम नहर का निर्माण कर राजस्थान में विकास का नया आयाम स्थापित करने के लिए पोर्ट (सूखा बंदरगाह) विकसित करने के लिए योजना बनाए जाने की मांग की। सूचीबद्ध तारांकित सवाल के जवाब में पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने जवाब में बताया कि राजस्थान सरकार ने बाड़मेर जिले के बाखासर के पास पतन के विकास पर पूर्व व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार की है।

जिसमें भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूए‌आई) ने राष्ट्रीय जलमार्ग 48 (जोजरी-लूणी नदियों और कच्छ का रण) की व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार की है। जो 1 अक्टूबर 2024 को पत्तनों, जलमार्गों एवं तटों के लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी केन्द्र (एनटीसीपीडब्ल्यूसी) आईआईटी मद्रास को जलमार्ग का गणितीय मॉडलिंग तैयार करने का कार्य सौंपा है। जिसमें पतन के विकास के लिए आगे की कार्रवाई गणितीय मॉडलिंग के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

बेनीवाल ने बताया कि कृत्रिम नहर के माध्यम से नए जल मार्ग का निर्माण कर बाखासर में पोर्ट विकसित हो जिससे राजस्थान में विकास के नए आयाम स्थापित होंगे। केन्द्र सरकार इस सूखा बंदरगाह की बजट में घोषणा करे ओर जहां उत्तर भारत के पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर में रिफाइनरी, तेल, गैस, सोलर हब के साथग्रेनाइट, बेन्टोनाइट, लाइम, लिग्नाइट जैसे खनिज पदार्थों के अथाह भण्डार से आर्थिक राजधानी है।

जीरा, ईसबगोल, ग्वार, बाजरा, खजूर, अनार के साथ ही कपड़ा उद्योग, हस्तशिल्प सहित कई बहुमूल्य चीजें उपलब्ध हैं जो निर्यात भी हो रही है। सूखा बंदरगाह से इकॉनोमी कॉरिडोर बनेगा तो स्थानीय लोगों के रोजगार, व्यावसायिक, औद्योगिक के तौर पर फायदेमंद साबित होगा और मूलभूत सुविधाओं का भी विस्तार हो सकेगा।

24 साल पहले का सपना

224 साल पहले बाड़मेर के बाखासर से गुजरात के मुंद्रा तक 150 किमी. कृत्रिम नहर बनाने की योजना बनी। यहां सूखा बंदरगाह विकसित कर समुद्र से आयात का नया बंदरगाह कच्छ के रण को जोड़ते हुए बनाने की सोच थी। लेकिन यह योजना कमजोर पैरवी के चलते आगे नहीं बढ़ सकी। बाखासर से कच्छ के रण तक वाटर-वे की पहल राज्य को गुजरात के मुंद्रा से होते हुए अरब- इजराइल तक जोड़ देगा। लालसागर का विकल्प बन रहा मुंद्रा इजराइल के लिए सुगम समुद्री मार्ग है। गुजरात के कच्छ के रण से बाड़मेर के बाखासर तक 490 किमी तक के वाटर वे को लेकर राज्य सरकार की पहल ने समुद्री मार्ग से आयात का नया द्वार राजस्थान में खोलने के संकेत दिए है। गौरतलब है कि इजरायल के परिवहन मंत्री मिरी रेगवे ने फरवरी माह में एक्स पर विडियो पोस्ट की थी। जिसमें मुुंद्रा के बंदरगाह से संयुक्त अरब अमीरात के बंदरगाह से इजरायल तक माल जाने से इसे लालसागर का विकल्प माना ।

बाड़मेर में तेल-गैस-कोयला- खनिज पदार्थ के अथाह भण्डार है। प्रतिदिन राज्य को करीब 10 करोड़ का राजस्व तो केवल तेल से ही मिल रहा है।सूखा बंदरगाह के जरिए बाड़मेर गुजरात, अरब होते हुए सीधा इराजयल तक जुडऩे पर राज्य के लिए आयात-निर्यात का यह बड़ा केन्द्र होगा।

बाड़मेर जिले के बाखासर से कच्छ के रण तक वाटर-वे की पहल में गुजरात से राजस्थान तक वाटर-वे 490 किलोमीटर वाटर-वे में वैसल्स के जरिए राजस्थान से मुंदरा पोर्ट को जोड़ते हुए संयुक्त अरब अमीरात के बंदरगाह से इजरायल तक माल जाने पोर्ट से लालसागर का विकल्प भी हैं। मुंदरा से अरबी देशों व इजराइल के लिए सुगम समुद्री मार्ग है जो आयात और निर्यात का नया द्वार होगा। जहां ढाई मिलियन टन तक एक्सपोर्ट भी हो सकेगा।

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लेखक के बारें में....

Ashok Bishnoi

अशोक नए नवेले ट्रेनी पत्रकार है. वे राजस्थान ई खबर के लिए कंटेंट राईटर की पोस्ट पर काम कर रहे है.

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