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Rajasthan News: Jaipur में गंदगी करने पर CCTV से कट रहे चालान, ​​200 से 5000 रुपए तक के चालान

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जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर   में गंदगी फैलाने वाले लोगों के अब सीसीटीवी की मदद से चालान काटे जा रहे हैं। शहर को गंदा करने वाले लोगों की कैमरों की मदद से पहचान की जा रही है। इसके लिए एक कंट्रोल रूम बनाया गया है। यहां 24 घंटे लोगों की मॉनिटरिंग की जा रही है। इस कंट्रोल रूम की मदद से हेरिटेज निगम द्वारा शहर में जगह – जगह लगे कैमरों की मदद से जयपुर को गंदा करने वाले लोगों को आईडेंटिफाई कर उनके चालान काटे जा रहे हैं।नगर निगम हेरिटेज कमिश्नर अरुण कुमार हसीजा ने बताया- सफाई व्यवस्था और ज्यादा बेहतर बनाने के लिए स्मार्ट सिटी के इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से 24 घंटे मॉनिटरिंग की जा रही है। ऐसे में दिन या रात 24 घंटों में किसी भी वक्त शहर को गंदा करने वाले लोगों की ऑनलाइन न सिर्फ मॉनिटरिंग की जा रही है। अब उनके खिलाफ कार्रवाई कर चालान भी काटे जा रहे हैं। इसके लिए DLB की गाइडलाइन के अनुरूप निगम के चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर (CSI) और सेनेटरी इंस्पेक्टर (SI) द्वारा ऑफलाइन या ऑनलाइन 200 रुपए से लेकर 5000 रुपए तक के चालान काटे जा रहे हैं।हसीजा ने बताया कि हेरिटेज क्षेत्र में काफी बार समझाइश की जा चुकी है। इसके बाद भी काफी लोग शहर को गंदा कर रहे हैं। इनके खिलाफ अब सख्ती करते हुए ज्यादा से ज्यादा चालान किए जाएंगे।

सीसीटीवी से ऐसे काटे जा रहे चालान

नगर निगम हेरिटेज क्षेत्र के सिविल लाइंस, किशनपोल, आदर्श नगर और हवामहल-आमेर जोन में 200 से ज्यादा कैमरे लगाए गए हैं। नगर निगम की वॉच राइडर टीम भी शहर में घूम चालान बना रही है। इसमें ऑफलाइन और केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए स्मार्ट सिटी ऐप से ऑनलाइन चालान की राशि वसूली जाती है।नगर निगम सीसीटीवी के जरिए फिलहाल दो प्रक्रिया के तहत चालान की कार्रवाई को अंजाम दे रही है।

पहली प्रक्रिया

अरुण कुमार हसीजा ने बताया- इसमें दुकान, शॉपिंग मॉल, मकान या फिर किसी अन्य तरह की व्यवसायिक स्थल पर सीसीटीवी से नजर रखी जा रही है। गंदगी फैलाने पर नगर निगम की टीम सीसीटीवी फुटेज लेकर पहुंचती है। इसके बाद संबंधित मालिक को फुटेज दिखाकर उसके खिलाफ चालान की कार्रवाई को अंजाम देती है। यहां संबंधित व्यक्ति द्वारा चालान नहीं जमा करने पर उसके खिलाफ सीज की कार्रवाई को भी अंजाम दिया जा सकता है।

दूसरी प्रक्रिया

शहर के किसी भी स्थान में घूमते हुए व्यक्ति द्वारा गंदगी फैलाने पर चालान का प्रावधान है। इस प्रक्रिया में नगर निगम के कंट्रोल रूम में बैठे अधिकारी संबंधित व्यक्ति के कचरा फैलाने की फुटेज जोन के संबंधित अधिकारी तक पहुंचाई जाती है। इसके बाद निगम की टीम उस व्यक्ति को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर ट्रेस करती है। निगम के अधिकारी और कर्मचारियों को उसकी जानकारी उपलब्ध कराती है। इसके बाद निगम का कर्मचारी उस व्यक्ति तक पहुंचकर चालान बनता है। ऐसे में अगर वह व्यक्ति चालान जमा नहीं करता है। उसके खिलाफ निगम की टीम कोर्ट में चालान पेश करती है। उसके बाद कोर्ट के माध्यम से संबंधित व्यक्ति से वसूली की कार्रवाई की जाती है।

एक सप्ताह में 6 हजार से ज्यादा लोगों के चालान काटे

हसीजा ने बताया- पिछले एक सप्ताह में 6000 से ज्यादा लोगों के चालान बनाए गए हैं। इनमें दुकानों के बाहर कचरा फैलाने, पालतू जानवरों द्वारा शहर की सड़कों पर गंदगी फैलाने, खुले में शौच करने के साथ ही अगल – अलग नियमों के तहत चालान बनाए गए है।हसीजा ने बताया- इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में निगम कर्मचारियों के डोर टू डोर कचरा संग्रहण, सफाई व्यवस्था के साथ ही मैकेनाइज तरीके से की जा रही सफाई की मॉनिटरिंग की जा रही है। निगम की ओर से शहर में विशेष रात्रिकालीन सफाई व्यवस्था की जा रही है। परकोटा के साथ शहर के अन्य इलाकों में अत्याधुनिक मशीनों से रोड डिवाइडर की सफाई की जाती है। इन सबकी मॉनिटरिंग के साथ ही आम जनता की शिकायतों का समाधान समय रहते हो रहा है। इसका भी ध्यान रखा जाएगा।

बता दें कि स्मार्ट सिटी द्वारा शहर के प्रमुख चौराहों और गलियों में स्मार्ट और एडवांस्ड कैमरे लगाए गए हैं। इनसे अब तक सिर्फ दिन के समय शहर की मॉनिटरिंग की जाती थी। जिसे बढ़ाकर अब 24 घंटे कर दिया गया है। वहीं अब इस मॉनिटरिंग में नगर निगम के वाहनों की ट्रैकिंग के साथ ही निगम के कर्मचारियों की अटेंडेंस को भी शामिल किया गया है। ऐसे में निगम के वाहन किस वक्त किस लोकेशन पर कितनी देर काम कर रहे हैं। यह सारी जानकारी स्मार्ट सिटी ऑफिस में ऑनलाइन माध्यम से अपडेट होगी। जिसके आधार पर ही पेमेंट दिया जाएगा। इसके साथ ही निर्धारित शर्तों के आधार पर काम नहीं करने पर पेनल्टी भी लगाई जाएगी।

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Rajasthan E Khabar Webdesk

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