Rajasthan News: राजस्थान सरकार की केबिनेट बैठक समाप्त हो चुकी है. हालांकि बैठक के बाद अभी तक सभी मंत्री सीएमओ से बाहर आए है लेकिन सांचौर सहित 9 जिले निरस्त की सूचना है साथ ही सीकर समेत 3 संभाग निरस्त किए है. दूदू,केकड़ी,शाहपुरा, नीमकाथाना, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, अनूपगढ़, सांचौर ज़िले निरस्त किए गए है. ये सभी जिले गहलोत सरकार में सृजित किए गए थे.
मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि चुनाव से पहले नए जिले और संभाग बनाए गए थे। वह व्यवहारिक नहीं थे। वित्तीय संसाधन और जनसंख्या के पहलुओं को अनदेखा किया गया। अनेक जिले ऐसे थे, जिनमें 6-7 तहसीलें नहीं थी। इतने जिलों की आवश्यकता होती तो इसका परीक्षण किया जाता।
जोगाराम ने कहा कि न तो इसके लिए कोई पद सृजिए किए, न ही कोई कार्यालय भवन की व्यवस्था की गई। जितने जिले बने, उसमें 18 विभागों में पद सृजन की कोशिश की गई। ये जिले राजस्थान पर अनावश्यक भार डाल रहे हैं। रीव्यू के लिए बनी कमेटी ने पाया कि इन जिलों की उपयोगिता नहीं है।
बैठक में समान पात्रता परीक्षा (सीईटी) का स्कोर एक की जगह तीन साल तक मान्य रखने पर फैसला हुआ। खाद्य सुरक्षा योजना में नए लोग जोड़े जाएंगे, 3 महीने के लिए अभियान चला कर नए नाम जोड़े जाएंगे। प्रदेश में पंचायत, पंचायत समितियों और जिला परिषदों का पुनर्गठन होगा।

ये जिले रहेंगे : बालोतरा,ब्यावर,डीग,डीडवाना-कुचामन,कोटपूतली-बहरोड, खैरथल-तिजारा, फलौदी और सलूंबर।
ये जिले निरस्त- दूदू,केकड़ी,शाहपुरा, नीमकाथाना, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, अनूपगढ़, सांचौर।
पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने 17 नए जिले और 3 संभाग बनाए थे, इनमें जयपुर और जोधपुर के 2-2 टुकड़े किए गए थे। नए जिलों में अनूपगढ़, गंगापुर सिटी, कोटपूतली, बालोतरा, जयपुर ग्रामीण, खैरथल, ब्यावर, नीमकाथाना, डीग, जोधपुर ग्रामीण, फलोदी, डीडवाना, सलूंबर, दूदू, केकड़ी, सांचौर और शाहपुरा शामिल थे।
बांसवाड़ा, पाली और सीकर को संभाग बनाया था।
गहलोत सरकार ने आखिरी बजट में 17 नए जिलों की घोषणा की थी। पहले जयपुर के टुकड़े कर जयपुर उत्तर, जयपुर दक्षिण और जोधपुर के टुकड़े कर जोधपुर उत्तर और जोधपुर दक्षिण जिलों की घोषणा हुई थी। इस पर पर विवाद हो गया था। लोगों को दक्षिण-उत्तर में बांटना ठीक नहीं लगा। सरकार ने बाद में बीच का रास्ता निकालते हुए इन जिलों का नाम जयपुर, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर और जोधपुर ग्रामीण कर दिया।
बीजेपी ने नए जिलों का रिव्यू करवाने की घोषणा की थी
बीजेपी ने गहलोत राज में जाते-जाते नए जिले बनाने पर सवाल उठाए थे। कई छोटे जिलों को लेकर स्थानीय लोगों ने भी विरोध किया था। उस वक्त बीजेपी ने सरकार में आने पर गहलोत राज में बने जिलों का रिव्यू करवाने की घोषणा की थी।
दूदू को जिला बनाने पर खूब विवाद हुआ था। दूदू में केवल तीन तहसील आती हैं। इतने छोटे से इलाके को जिला बनाने पर सवाल उठे थे। जिलों के रिव्यू के लिए बनी कमेटी के संयोजक डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा को बनाा, लेकिन बाद में उन्हें हटाकर मदन दिलावर को इसका जिम्मा मिला। हैं। बैरवा दूदू से विधायक होने के कारण उन्हें कमेटी में फैसला करने में दिक्तिें थीं।