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Rajasthan News: हर पल मौत के साए शिक्षा ले रहे 68 मासूम बच्चे, टीचर्स को भी सता रहा किसी बड़े हादसे का डर

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बूंदी न्यूज़ डेस्क – तालेड़ा उपखंड के तीरथ ग्राम पंचायत के छोटी तीरथ गांव में स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय भवन जर्जर अवस्था में पहुंच चुका है तथा आए दिन छत का प्लास्टर गिरता रहता है। जर्जर विद्यालय भवन में कक्षा 5 तक के 68 मासूम बच्चे इसी छत के नीचे बैठकर डर के बीच शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं। विद्यालय में अध्ययनरत बच्चे डरे सहमे रहते हैं। बच्चों को पढ़ाने वाले अध्यापक भी डरते हैं कि कहीं कोई बड़ा हादसा न हो जाए, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है।

जानकारी के अनुसार विजय केवट, नरेश बैरागी, रामचरण मीना ने बताया कि यह विद्यालय 2002 में बना था, जिसमें तीन कक्षा-कक्ष, कार्यालय व शौचालय बने हुए हैं, लेकिन पिछले 4 वर्षों से पूरा विद्यालय जर्जर अवस्था में पहुंच चुका है। बारिश में छत टपकती है तथा छत का प्लास्टर बार-बार गिर रहा है, जिससे कभी भी प्लास्टर गिरने से हादसा हो सकता है। विद्यालय भवन को मरम्मत की जरूरत है। विद्यालय प्रशासन, ग्राम पंचायत व उच्चाधिकारियों को कई बार समस्या से अवगत कराया जा चुका है, लेकिन इसका कोई समाधान नहीं हो रहा है। प्रशासन से स्कूल भवन की छत की मरम्मत करवाने की मांग की गई है।

यह स्कूल 2002 में बना था। स्कूल में 68 बच्चे पढ़ते हैं। स्कूल भवन जर्जर अवस्था में पहुंच चुका है। छत की लोहे की रॉड कई जगह से दिखाई दे रही है। छत का प्लास्टर 10 से 15 बार गिर चुका है, लेकिन भगवान की कृपा से कोई दुर्घटना नहीं हुई है। बारिश में छत टपकती है और शौचालय की हालत भी खराब है। उच्च अधिकारियों को कई बार अवगत कराया जा चुका है, लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं हुआ है।

छोटी तीरथ प्राथमिक विद्यालय की छत की मरम्मत ग्राम पंचायत द्वारा 2 वर्ष पूर्व की गई है तथा छत के उल्टे प्लास्टर के लिए 2 माह पूर्व एक लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं, लेकिन विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने लिखित में दिया है कि यदि उल्टे प्लास्टर के बाद प्लास्टर टूटता है तो पंचायत जिम्मेदार नहीं है, जिसे प्रधानाध्यापिका द्वारा स्वीकृत नहीं किया जा रहा है, जिसके कारण ठेकेदार काम नहीं कर रहा है, जिसके कारण यह कार्य अटका हुआ है।

विद्यालय के जर्जर भवन की मरम्मत के लिए उच्च अधिकारियों व ग्राम पंचायत को कई बार पत्र लिखा जा चुका है। दो माह पूर्व ग्राम पंचायत द्वारा छत के प्लास्टर के लिए एक लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं, लेकिन ग्राम पंचायत छत की मरम्मत नहीं कर रही है। यदि जर्जर भवन की मरम्मत नहीं की गई तो कभी भी कोई हादसा हो सकता है।

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