झालावाड़ न्यूज़ डेस्क- राजस्थान क्राइम फाइल्स में आज झालावाड़ का 7 साल पुराना मामला है। झालावाड़ का एक आईबी अधिकारी दिल्ली से लौट रहा था।उसने अपनी पत्नी से कहा था कि वह एक घंटे में घर पहुंच जाएगा। वह नहीं पहुंचा। जब उन्होंने उसकी तलाश की तो झालावाड़-भवानी मंडी रोड पर उसका शव मिला। सभी हैरान थे- क्या यह एक दुर्घटना थी? आत्महत्या या हत्या?
दिल्ली में तैनात इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के अधिकारी चेतन प्रकाश गलाना 2 दिन की छुट्टी पर दिल्ली से कोटा जिले के रामगंज मंडी स्थित अपने घर आए थे। वे दिल्ली में अकेले रहते थे। उनके माता-पिता रामगंज मंडी में रहते थे और उनकी पत्नी अनीता दो छोटे बेटों के साथ झालावाड़ में रहती थीं। अनीता और चेतन की शादी जनवरी 2011 में हुई थी। अनीता सरकारी शिक्षिका थीं। वे झालावाड़ के पास असनावर गांव के एक स्कूल में तैनात थीं। चेतन आमतौर पर महीने में 1-2 बार छुट्टी पर घर आते थे। जब भी वे घर आते तो सबसे पहले रामगंज मंडी में अपने माता-पिता से मिलने जाते थे। उस दिन भी वे रामगंज मंडी में अपने माता-पिता से मिलने आए थे। उनसे मिलने के बाद चेतन शाम 6 बजे की ट्रेन से पत्नी और बच्चों से मिलने झालावाड़ के लिए निकल गए। उन्हें अगले एक घंटे में झालावाड़ पहुंचना था। वे रात 8 बजे तक घर नहीं पहुंचे।
रिश्तेदारों ने तलाश शुरू की, सड़क पर मिला शव
जब काफी देर बाद भी चेतन घर नहीं पहुंचे तो उनकी पत्नी अनीता ने अपने ससुराल वालों और रिश्तेदारों को फोन कर सूचना दी। अनिता की गुहार पर झालावाड़ की गायत्री कॉलोनी में रहने वाले रिश्तेदार मनमोहन मीना ने चेतन की तलाश शुरू की। तलाश के दौरान रात करीब साढ़े आठ बजे चेतन झालावाड़-भवानीमंडी मार्ग पर रेलवे की रलायता पुलिया के पास अचेत अवस्था में पड़ा मिला। मनमोहन मीना ने अनिता को सूचना दी और अचेत अवस्था में पड़े चेतन को एआरजी अस्पताल पहुंचाया। जांच के बाद डॉक्टरों ने चेतन को मृत घोषित कर दिया। आईबी अफसर की ऐसी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत चौंकाने वाली थी। अस्पताल में हड़कंप मच गया। तुरंत पुलिस को सूचना दी गई।
शरीर पर चोट के निशान नहीं
पुलिस अस्पताल पहुंची और जांच शुरू की। चेतन के शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं मिले। इसके बाद पुलिस ने रलायता पुलिया के पास उस स्थान का भी निरीक्षण किया, जहां चेतन पड़ा मिला था। वहां भी ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला। अब तक पुलिस की सूचना पर चेतन के माता-पिता और अन्य परिजन भी रामगंजमंडी से झालावाड़ आ चुके थे। चेतन के पिता महादेव मीना ने झालावाड़ के सदर थाने में बेटे की संदिग्ध मौत का मामला दर्ज कराया। पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 174 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। 15 फरवरी को पुलिस ने मेडिकल बोर्ड से चेतन के शव का पोस्टमार्टम कराया। पोस्टमार्टम के बाद चेतन के विसरा को जांच के लिए फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी भेजा गया। पुलिस ने मृग के तहत यह मामला जरूर दर्ज किया था, लेकिन आईबी अफसर की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत की पुलिस हर एंगल से जांच कर रही थी।
पिता ने कोर्ट में जताया हत्या का शक
आईबी अफसर की मौत को 3 महीने हो चुके थे। पुलिस को जांच में कोई सुराग नहीं मिला। इधर, बेटे की मौत के 3 महीने बाद भी केस नहीं सुलझने पर महादेव मीना का धैर्य जवाब दे गया। उन्होंने कोर्ट में अर्जी देकर बेटे चेतन की सुनियोजित हत्या का शक जताया। इस पर कोर्ट ने भी पुलिस को हत्या का मामला दर्ज कर नए एंगल से जांच करने के आदेश दिए। अप्रैल 2018 के दूसरे सप्ताह में पुलिस ने झालावाड़ के सदर थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ आईबी अधिकारी चेतन प्रकाश गलाना की हत्या का मामला दर्ज किया था। तत्कालीन एसपी आनंद शर्मा ने चेतन की हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए एडिशनल एसपी छगन सिंह राठौर के नेतृत्व में सदर थाना प्रभारी संजय मीना, एएसआई अजीत मोगा, हेड कांस्टेबल मदन गुर्जर, कुंदर राठौर, महेंद्र सिंह, हेमंत शर्मा और कुछ कांस्टेबलों की टीम बनाई थी।
पुलिस ने 3 बिंदुओं पर जांच शुरू की
विशेष जांच दल ने आईबी अधिकारी चेतन की दिनचर्या के बारे में पता लगाया। इसके बाद उसके दोस्तों, परिचितों और दुश्मनों की पहचान कर उनसे पूछताछ की गई। इंटेलिजेंस ब्यूरो के दिल्ली कार्यालय में चेतन प्रकाश के सहकर्मियों से भी पूछताछ की गई। पुलिस टीम ने रामगंज मंडी, झालावाड़ रेलवे स्टेशन और रलायता पुलिया के आसपास कई बार घटनास्थल का दौरा कर तथ्यों का पता लगाने की कोशिश की।
पुलिस के पास जांच के तीन एंगल थे…
क्या आईबी अधिकारी चेतन प्रकाश की मौत हार्ट अटैक से हुई?
क्या उसने आत्महत्या की?
क्या यह हत्या थी?
पुलिस को चेतन के शरीर पर किसी तरह की चोट या हाथापाई के निशान नहीं मिले। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी ऐसा कुछ नहीं बताया गया। अब पुलिस के सामने सवाल यह था कि जब चेतन झालावाड़ जा रहा था तो वह ट्रेन से उतरकर रलायता पुलिया कैसे पहुंचा? वहां उसकी मौत कैसे हुई?