कोटा न्यूज़ डेस्क – भारतीय रेलवे में पहली बार मालगाड़ी मरम्मत कारखाना कोटा ने मशीनीकृत तरीके से काले तेल वाले बीटीपीएन रैक को सफेद तेल वाले बीटीपीएन रैक में बदला है। रूपांतरण का काम महज 14 दिन में पूरा किया गया। वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ जैन ने बताया- अभी तक ऐसे बीटीपीएन (टैंकर मालगाड़ी) रैक का इस्तेमाल पेट्रोलियम उत्पादों जैसे कच्चा तेल, डीजल, पेट्रोल और अन्य काले तेलों के परिवहन के लिए किया जाता था।
अब जरूरत पड़ने पर खाद्य तेल यानी वनस्पति तेल, यहां तक कि दूध और पेयजल आदि का परिवहन भी संभव हो गया है। पश्चिम मध्य रेलवे की महाप्रबंधक शोभना बंदोपाध्याय ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़कर इस बीटीपीएन रैक को हरी झंडी दिखाई। भविष्य में भी बड़ी संख्या में ऐसे बीटीपीएन रैक का रूपांतरण संभव हो गया है। इससे समय के साथ-साथ लाखों रुपए का राजस्व भी बचेगा।
वैगन के अन्दर जमा काले तेल को साफ किया गया
कोटा कारखाने द्वारा किया गया यह कार्य पूर्णतः मशीनीकृत था, जिसमें वैगन के अन्दर व ऊपर जमा काले तेल को 300 बार हाई प्रेशर वाटर जेट उपकरण जैसे ट्रिपलक्स वाटर पंप, हाई प्रेशर पंप की सहायता से साफ किया गया। निकाले गए काले तेल के गाद को वैक्यूम ट्रक उपकरण जैसे ट्राई लोब ब्लोअर, साइक्लोन सेपरेटर की सहायता से बाहर निकाला गया तथा कारखाने में स्थित ईटीपी प्लांट में उसका निपटान किया गया। इस मशीनीकृत प्रक्रिया में उत्सर्जित होने वाली खतरनाक गैसों को वैगन के मैनहोल पर लगे एल्युमिनियम ब्लेड वाले अग्निरोधक पंखों (फ्लेम प्रूफ) की सहायता से लगातार बाहर निकाला गया।
इस दौरान मुख्यालय से प्रिंसिपल चीफ मैकेनिकल इंजीनियर एम विजय कुमार सहित अन्य प्रमुख विभागाध्यक्ष, कोटा मंडल के मंडल रेल प्रबंधक अनिल कालरा, कोटा कारखाना के मुख्य कारखाना प्रबंधक सुधीर सरवरिया, कोटा मंडल के अपर मंडल रेल प्रबंधक ललित धुरंधर सहित कोटा मंडल व कोटा कारखाना के अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।