---Advertisement---

Rajasthan News: Ajmer भारतीय जलकाग-यूरेशियन मूरहेन सबसे अधिक, ग्लॉसी आइबिस-कॉमन पोचार्ड सबसे कम

---Advertisement---

अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर  वन विभाग ने देशी और प्रवासी पक्षियों की गणना पूरी कर ली है। विभिन्न जलाशयों पर विभाग के कर्मचारियों ने पक्षियों की गणना की। अब इसकी रिपोर्ट मुयालय भेजी जाएगी।वन विभाग प्रतिवर्ष पक्षियों की गणना करता है। इनमें देशी और प्रवासी पक्षी शामिल होते हैं। इस बार भी गणना के लिए वनकर्मियों की विभिन्न जलाशयों पर ड्यूटी लगाई गई। जिले में आनासागर, फायसागर, किशनगढ में गूंदोलाव, हमीर सागर तालाब, ब्यावर के जवाजा, मकरेड़ा, नसीराबाद के बामणिया, रामसर और जाडोल तालाब, पुष्कर झील, बूढ़ा पुष्कर और गोविंदगढ़ बांध और अन्य स्थान पर गणना की गई।

मिले यह प्रवासी पक्षी

35 लेसर व्हीसलिंग डक, 80 बार हैड गूज, 39 ग्रेलैग गूज, 50 नॉर्दन शॉवलर, 5 कॉमन पोचार्ड, 5 रिवर टर्न, 20 पेंटेंड स्टॉर्क, 20 ग्रेट कॉरमॉरेंट, 25 यूरेशियन स्पून बिल, 4 इंडियन पॉन्ड, 100 इंडियन कॉरमॉरेंट, 70 ग्रेट कॉरमॉरेंट, 10 ग्रे हेरॉन, 5 ग्रेट व्हाइट पेलेक, 30 यूरेशियन कूट, 30 यूरेशियन कूट, 30नॉब बिल्ड डक, 71 नॉर्दन पेंटबिल, 40 यूरेशियन मूरहैन, 230 ब्लैक टेल्ड गॉडविट, 200 पेंटेड स्टॉर्क, 10 लिटिल कॉरमॉरेंट, 1 ग्लोसी आइबिस, 250 ब्लैक टेल्ड गॉडविट

आनासागर सबसे मुफीद

देशी-विदेशी प्रवासी पक्षियों को आनासागर और इसके आसपास का क्षेत्र सर्वाधिक पसंद है। यहां सागर विहार कॉलोनी के निकट छोटे से हिस्से में पक्षियों की सर्वाधिक तादाद रहती है। यहां पक्षियों को प्राकृतिक वातावरण, भोजन सहजता से उपलब्ध रहता है। इसके अलावा फायसागर झील में भी पक्षियों की आवक होती है।

---Advertisement---

लेखक के बारें में....

Rajasthan E Khabar Webdesk

Leave a Comment

loader