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Rajasthan News: रेरा की अनदेखी करने वाले बिल्डर-प्रमोटर्स पर भजनलाल सरकार ने कसा शिकंजा, अब लागू होंगे ये धांसू फैसले

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जयपुर न्यूज़ डेस्क – राजस्थान में फ्लैट व प्लॉट खरीदकर खरीददारों से धोखाधड़ी करने वाले तथा रेरा नियमों की पालना नहीं करने वाले बिल्डर-प्रमोटरों पर सरकार ने शिकंजा कस दिया है। तय समय में निर्माण रिपोर्ट बुक कराने वाले को प्रस्तुत नहीं करने पर जुर्माना राशि बढ़ाकर 15 हजार रुपए (प्रत्येक तिमाही) कर दी गई है तथा पूर्णता-निवास प्रमाण पत्र व बंधक-मुक्ति पत्र प्रस्तुत नहीं करने पर 1 हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना वसूला जाएगा। इसके बाद भी नियमों की पालना नहीं करने पर राजस्थान रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (रेरा) प्रोजेक्ट को अपने अधीन भी ले सकता है। इसी तरह रेरा में पंजीकरण से छूट प्राप्त योजनाओं के लिए निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य कर दिया गया है। अब ऐसे होटल प्रोजेक्ट भी रेरा के दायरे में आ गए हैं, जिनमें होटल इकाई को बेचकर वापस लीज पर ले लिया गया है। इनके लिए भी रेरा में पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। कई होटल बिल्डर जनता से पैसा लगाकर होटल का निर्माण करवा रहे हैं।

पेयजल आपूर्ति का नक्शा भी देना होगा
प्लॉटेड डेवलपमेंट की योजनाओं में पूर्णता प्रमाण पत्र देते समय पेयजल आपूर्ति का नक्शा प्रस्तुत करना होगा। ताकि योजना में प्लॉट बुक कराने वाले खरीदार को पेयजल आपूर्ति की जानकारी हो।

यह निर्णय 1 मार्च से लागू होगा
सभी बिल्डरों और डेवलपर्स को पूर्णता-निवास प्रमाण पत्र और निशुल्क पत्र रेरा में जमा कराना अनिवार्य है। इसके जरिए ही पता चलता है कि वहां रहने लायक सुविधा उपलब्ध है। ऐसा न करने वाले बिल्डरों और प्रमोटरों पर पहली बार प्रतिदिन एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। यह निर्णय 1 मार्च से लागू होगा।

क्यूपीआर जमा कराना होगा
सभी बिल्डरों और डेवलपर्स को हर तीन तिमाही में प्रोजेक्ट के निर्माण की स्थिति के बारे में रेरा को सूचित करना जरूरी है, लेकिन कई बिल्डर अभी ऐसा नहीं कर रहे हैं। इससे बुकिंग कराने वाले को अपनी प्रॉपर्टी के निर्माण की वास्तविक स्थिति का पता नहीं चल पाता है। अब ऐसे बिल्डरों और डेवलपर्स को हर तिमाही 15 हजार रुपए का जुर्माना देना होगा। जबकि, अब तक उन्हें एक बार ही 5 हजार रुपए का जुर्माना भरना पड़ता था।

यहां दी गई राहत
1- उन रियल एस्टेट प्रमोटर्स को राहत दी गई है, जिन्होंने अपने प्रोजेक्ट को रेरा में रजिस्टर नहीं कराया था और अब प्रोजेक्ट पूरा हो चुका है। ऐसे मामलों में रेरा ने इस साल 30 जून तक रजिस्ट्रेशन कराने की छूट दी है।
2- साथ ही, औद्योगिक योजनाओं के लिए मानक शुल्क 10 रुपए से घटाकर 5 रुपए प्रति वर्ग मीटर कर दिया गया है।

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Rajasthan E Khabar Webdesk

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