भीलवाड़ा न्यूज़ डेस्क, आसींद में गुरुवार को जैन दिवाकरीय मालव सिंहनी गुरुणी कमलावती महासाध्वी की सुशिष्या महासाध्वी डॉ. संयमलता के साथ डॉ. अमितप्रज्ञा, डॉ. कमलप्रज्ञा और सौरभप्रज्ञा समेत चार ठाणों का मंगल प्रवेश हुआ। सुबह 11 बजे नई परासोली से विहार कर प्रतापपुरा होते हुए महावीर भवन में पहुंची साध्वियों का जगह-जगह स्वागत द्वार, बैनर और पोस्टर लगाकर भव्य स्वागत किया गया।
धर्मसभा को संबोधित करते हुए महासती डॉ. संयमलता ने कहा कि धर्म के बिना जीवन सूना है। उन्होंने कहा कि धर्म को सरोवर की तरह स्थिर नहीं, बल्कि नदी की तरह प्रवाहमान होना चाहिए। धर्म मनुष्य को सुख, शांति, शुद्धता और चैन प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति धर्म के लिए हाथ बढ़ाता है, उसके हाथ कल्पवृक्ष बन जाते हैं, धर्म के लिए की गई कामना कामधेनु और चिंता चिंतामणि बन जाती है।
आगामी 19 जनवरी, रविवार को साध्वी डॉ. कमल प्रज्ञा का दीक्षा महोत्सव मनाया जाएगा, जिसमें क्षेत्र के सैकड़ों श्रद्धालु भाग लेंगे। मंगल प्रवेश के अवसर पर बदनोर, परासोली और जगपुरा सहित विभिन्न स्थानों से बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित रहे।