जोधपुर न्यूज़ डेस्क, जोधपुर क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व सचिव सुखदेव सिंह देवल पर 16 लाख के गबन का आरोप लगा है। इसे लेकर एडहॉक कमेटी संयोजक अरिष्ट सिंघवी ने शास्त्री नगर पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया है।आरोप है कि देवल ने नई कार्यकारिणी को सूचना दिए बिना पूर्व संयुक्त सचिव श्रवण प्रजापत के हस्ताक्षर से मनमर्जी 16 लाख से ज्यादा की रकम अलग-अलग डेट पर निकाल ली।मामले को लेकर जिला क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और एडहॉक कमेटी सदस्य वरुण धनाडिया ने बताया- पूर्व सचिव सुखदेव सिंह देवल द्वारा की गई फाइनेंशियल अनियमितताओं को लेकर FIR दर्ज की गई है। जिससे कि भविष्य में कोई भी इस प्रकार का गलत कार्य न कर पाए। साथ ही, जो खिलाड़ियों का पैसा है उसका दुरुपयोग न हो।
नियमों के तहत एक बार में 25 हजार ही निकाल सकते हैं
एडहॉक कमेटी संयोजक अरिष्ट सिंघवी ने रिपोर्ट में बताया कि एसोसिएशन के संविधान के अनुसार, संगठन के अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष तीन पदाधिकारी में से दो पदाधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर पर ही बैंक से रुपए निकाले जा सकेंगे। साथ ही इसे कार्यकारिणी और मैनेजमेंट कंपनी से अप्रूव करवाना भी आवश्यक होगा। रिपोर्ट में बताया कि एसोसिएशन के संविधान के नियम 22 के तहत सचिव संगठन के हित के उद्देश्यों की पूर्ति, कार्य और समय की आवश्यकता के अनुसार 25000 तक की राशि ही बैंक से निकाल सकता है।
संयुक्त सचिव के साथ मिलकर किया गबन
अरिष्ट सिंघवी ने रिपोर्ट में बताया कि वहीं संगठन की नई कार्यकारिणी का चुनाव मई 2024 को हुआ था। 20 जून से नई कार्यकारिणी गठन के बाद क्रियाशील हुई। लेकिन, संगठन के सचिव सुखदेव सिंह देवल की ओर से नियमों की पालना नहीं की गई। पूर्व संयुक्त सचिव श्रवण प्रजापत के साथ मिलकर अलग-अलग तारीख को 16 लाख से ज्यादा की राशि निकाली गई।
आरोप- बिना सूचना के राशि निकाली
रिपोर्ट ने सिंघवी ने बताया- संगठन के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया जालोरी गेट शाखा के खाते से 16 लाख 42 हजार 712 रुपए का गबन किया गया। जबकि नियमानुसार नई कार्यकारिणी के गठन दिनांक 20 जून के बाद बैंक से पैसे निकालने के लिए संगठन के अध्यक्ष, सचिव या कोषाध्यक्ष में से दो व्यक्तियों के हस्ताक्षर सहित खाते का संचालन किया जा सकता था। लेकिन, सचिव सुखदेव सिंह देवल ने इसकी सूचना दिए बगैर राशि को बिना किसी अधिकार के बैंक से निकाल दिया। रिपोर्ट में बताया कि कार्यालय रजिस्ट्रार संस्था जोधपुर की ओर से भी 29 जनवरी 2025 को हुई जांच में भी यह तथ्य सही पाए गए हैं।