बीकानेर न्यूज़ डेस्क, बीकानेर ये सिर्फ उदाहरण हैं, लेकिन मार्च में शुरू हाेने वाली नहरबंदी से पहले जलदाय विभाग कई महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रहा है जिससे जनता की समस्याएं दूर हाे सकें। सबसे बड़ा कदम नई पानी की टंकियाें का है। 6 नई पानी की टंकियां बनकर तैयार हैं। इनमें पटेल नगर, करणीसिंह स्टेडियम, धरणीधर इलाका, सेटेलाइट एरिया, चौधरी कॉलोनी और महानंद जी इलाके टंकियां बनकर तैयार हैं। इसके अलावा करमीसर, पूगल फांटा, सर्किट हाउस, जवाहरनगर की टंकियों का काम 80 प्रतिशत पूरा हो गया।पीबीएम अस्पताल, नगर निगम के भंडार इलाका और गोपेश्वर बस्ती की टंकी का काम शुरू हो गया। कुछ का 30 प्रतिशत तो कुछ का 50 प्रतिशत काम पूरा हो गया। एक मात्र फोर्ट स्कूल वाली टंकी बची है जिसका निर्माण शुरू नहीं हेा पाया। यानी छह बन चुकी टंकियों के अलावा पीएचईडी की कोशिश है कि मार्च में नहरबंदी शुरू होने से पहले 80 प्रतिशत बन चुकी टंकियों को भी पूरा करा दें। ऐसे करीब 11 टंकियां नहरबंदी से पहले काम में आ जाएंगी। इन 11 टंकियों के बनने से शहर के 21 से ज्यादा टेल इलाके कवर हो जाएंगे। यानी उन टेल इलाकों का एरिया कम होने से टेल तक आराम से पानी पहुंच जाएगा।
अबतक शहर के कई टेल इलाकों में बूंद-बूंद पहुंचता था पानी
करणी सिंह स्टेडियम टंकी से जुड़े जिन टेल के इलाकाें में पानी बूंद-बूंद पहुंचता था वहां इस बार गर्मियाें में पूरा पानी मिलेगा। वजह, नई टंकी तैयार है। पहले टंकी 1100 किलाेलीटर की थी और अब 1500 किलाेलीटर की टंकी बनकर तैयार है। ऊपर से सर्किट हाउस वाली टंकी भी बनने वाली है ताे कुछ इलाका और कम हाे जाएगा। नत्थूसर टंकी से जुड़े पारीक चाैक, पाबूबारी, कसाईबारी जैसे टेल इलाकाें की समस्या भी इस बार हल हाे जाएगी। क्याेंकि सेटेलाइट पर भी टंकी बनकर तैयार है। इस बार गर्मी शुरू हाेने से पहले सेटेलाइट टंकी से जलापूर्ति शुरू कर दी जाएगी ताे इस क्षेत्र के टेल इलाके भी पानी की किल्लत से नहीं जूझेंगे।ये कैसे जनप्रतिनिधि, जनता का पानी राेक रहे- फाेर्ट स्कूल में जलदाय विभाग पानी की टंकी बना रहा है। 8 महीने पहले यहां काम शुरू हाेने वाला था। अब तक टंकी बनकर तैयार हाे जाती। यहां टंकी बनने से रेलवे स्टेशन, जेलवेल, स्टेशन रोड इलाका, चौतीन कुआं के अलावा जोशीवाड़ा का भी कुछ क्षेत्र जुड़ सकता है।
सूत्र बताते हैं कि जिस जनता ने समस्याओ के निदान के लिए अपना प्रतिनिधि विधानसभा में भेजने के लिए चुना था उन्हीं ने ये काम रुकवा दिया। जिला प्रशासन से लेकर तमाम अधिकारी टंकी बनाने के लिए समझाइश कर चुके मगर माननीय राजी होने को तैयार नहीं है। एक पार्षद का कहना है कि ये माननीय जनता की समस्याओं को लेकर कभी सड़कों पर तो नहीं आए मगर जनहित में कोई काम हो रहा तो उसे रुकवाने में आगे हैं।”नहरबंदी के दौरान सबसे ज्यादा दिक्कत टेल इलाके में हाेती हैं। 6 बन गई। 5 और बनकर तैयार हैं। इन 11 टंकियों से ज्यादातर टेल इलाकों का एरिया डिवाइड हो जाएगा। इससे अब टेल पर दिक्कत नहीं होगी। विभाग इसी पर ज्यादा वर्किंग कर रहा है। 350 किलोमीटर लंबी नई पाइप लाइन भी बिछा दी गई तो पानी भी फ्लो से आएगा।”
नत्थूसर टंकी का एरिया 3 नई टंकियों में बंटेगा : अब तक जलापूर्ति का सबसे बड़ा लोड नत्थूसर टंकी पर था। इसीलिए वहां की सप्लाई भी डिस्टर्ब होती थी। अब इस टंकी का तीन नई बनने वाली टंकियों में इलाका बंटेगा। यानी मूल पुरानी टंकी पर लोड कम होने से टेल की समस्या दूर हो जाएगी। धरणीधर में बनने वाली टंकी से कुछ नत्थूसर का इलाका जुडेगा। सेटेलाइट वाली टंकी पर भी कुछ लोड नत्थूसर का आएगा और महानंद जी पर बनने वाली टंकी पर भी कुछ इलाका नत्थूसर टंकी का जाएगा। ऐसे में नत्थूसर टंकी से सप्लाई की अब समस्या कम होगी।