बीकानेर न्यूज़ डेस्क – बीकानेर जिले में चार नई पंचायत समितियां और करीब 30 नई ग्राम पंचायतें बनाने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। नोखा, खाजूवाला, श्रीडूंगरगढ़ विधानसभा और बीकानेर तहसील में नई पंचायत समितियां बनाई जाएंगी। नोखा विधानसभा में पहले से ही पांचू और नोखा पंचायत समितियां हैं, लेकिन नोखा पंचायत समिति में करीब 43 पंचायतें हैं। नियम यह है कि 40 ग्राम पंचायतों या एक लाख की आबादी पर एक पंचायत समिति होनी चाहिए। इसलिए नोखा के जसरासर में नई पंचायत बनाने की तैयारी चल रही है।
छत्तरगढ़ खाजूवाला विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है, लेकिन वहां अभी तक कोई पंचायत समिति नहीं है, जबकि यह तहसील मुख्यालय है। ऐसे में छत्तरगढ़ में भी नई पंचायत समिति बनाई जानी है। बीकानेर तहसील के देसनोक में भी नई पंचायत समिति बनाने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, क्योंकि यहां के कुछ गांव नोखा और पांचू में जाने थे। इसके अलावा श्रीडूंगरगढ़ में पिछली बार पंचायत समिति बनाने का प्रयास हुआ था, लेकिन बज्जू और हदान के बाद घोषणा रुक गई। यहां दिक्कत यह है कि नई पंचायत समिति का मुख्यालय तय नहीं हो पा रहा है। प्रशासन दोनों पंचायत समितियों का मुख्यालय श्रीडूंगरगढ़ ही रखने पर विचार कर रहा है। मोमासर के नाम पर विचार किया जा रहा है, लेकिन यह जिले के एक कोने में है। उड़सर भी आखिरी छोर है। ऐसे में यदि नए मुख्यालय की तलाश पूरी नहीं होती है तो श्रीडूंगरगढ़ ही मुख्यालय रहेगा। इसके साथ ही जिले में अभी तक करीब 366 ग्राम पंचायतें हैं और अब इसमें 25 से 30 नई पंचायतें बनेंगी। ऐसे में ग्राम पंचायतों की संख्या 4 से 400 के बीच रहेगी। नई चार पंचायत समितियों को मिलाकर 13 पंचायत समितियां हो जाएंगी। आल्सो
इसी माह पूरा हो जाएगा ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन
जिन ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन या पुनर्सीमांकन प्रस्तावित नहीं है, उनकी अधिसूचनाएं भी नए प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए प्रकाशित की जाएंगी। 18 फरवरी तक जिला कलेक्टर ग्राम पंचायतों और पंचायत समितियों के प्रस्ताव तैयार करेंगे। पंचायती राज विभाग के सचिव डॉ. जोगाराम के आदेशानुसार 20 फरवरी से 21 मार्च 2025 तक प्रस्ताव प्रकाशित किए जाएंगे और आपत्तियां आमंत्रित की जाएंगी।
23 मार्च से 1 अप्रैल तक आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा। 3 अप्रैल से 15 अप्रैल तक आपत्तियों का निस्तारण करने के बाद अंतिम प्रस्ताव पंचायती राज विभाग को भेजा जाएगा। पंचायत राज विभाग इन प्रस्तावों पर निर्णय लेगा कि इन्हें स्वीकृत करना है या नहीं। यदि स्वीकृत करता है तो प्रशासन को नए ग्राम पंचायतों के पुनर्सीमांकन और पुनर्गठन के प्रस्तावों के अनुसार सभी व्यवस्थाएं करनी होंगी। यह सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही अगले चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी।
3000 की आबादी वाली ग्राम पंचायत में होंगे 7 पंच
पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 12 एवं 102 की शक्तियों का प्रयोग करते हुए ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव ने पंचायतों के पुनर्गठन में आंशिक संशोधन किया है। अब 3000 की आबादी वाली पंचायतों में 7 वार्ड होंगे। 3000 से अधिक आबादी वाले गांवों में प्रति 1000 की आबादी पर दो वार्ड जोड़े जाएंगे।पंचायती राज विभाग द्वारा जारी नए दिशा-निर्देशों के अनुसार अब राजस्थान में नवसृजित, पुनर्सीमांकन एवं पुनर्गठित ग्राम पंचायतों की प्रक्रिया चल रही है। नए आदेश के तहत 3 हजार तक की आबादी वाली ग्राम पंचायतों में 7 वार्ड होंगे। तीन हजार से अधिक आबादी वाली ग्राम पंचायतों में प्रति 1 हजार पर 2 वार्ड या 3 हजार से अधिक पर 2 वार्ड जोड़े जा सकेंगे।
पंचायत समितियों के पुनर्गठन में एक लाख तक की आबादी वाली पंचायत समितियों में 15 वार्ड और एक लाख से अधिक आबादी वाली पंचायत समितियों में 15 हजार या उसके हिस्से पर 15 वार्ड के हिसाब से 2 वार्ड जोड़े जाएंगे। पंचायती राज विभाग के आयुक्त डॉ. जोगाराम ने सभी जिला कलेक्टरों को इसके लिए आदेश जारी कर दिए हैं।पुनर्गठन की प्रक्रिया चल रही है। राजस्व विभाग इसे देख रहा है। यानी सभी एसडीएम के पास यह काम है। वहां से यह सीधे कलेक्टर के पास जाएगा। पुनर्गठन का अधिकार कलेक्टर के पास ही है। पुनर्गठन पूरा होने पर जिला परिषद का काम शुरू होगा। इसके बाद जिला परिषद प्रक्रिया को अंजाम देगी।