जयपुर न्यूज़ डेस्क – 71 वर्षीय किरोड़ी लाल मीना दो बार सांसद और एक बार राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं। वे छह बार विधायक भी रह चुके हैं। वे सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं और हैं भी। उनका इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं हुआ है। इस बार भी उन्होंने राजस्थान की राजनीति में बवाल मचा दिया है। किरोड़ी लाल मीना ने जब कहा कि सरकार उन पर जासूसी कर रही है तो राजस्थान विधानसभा में बवाल मच गया था। इसके बाद भाजपा ने किरोड़ी लाल मीना को कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिन का समय दिया है। इसका पहला दिन बीत चुका है और राजनीतिक गलियारों में जवाब की कोई खबर नहीं है। जवाब न मिलने से भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में कयासों का दौर शुरू हो गया है। राजनीतिक विश्लेषक भी इस पर तरह-तरह के कयास लगाने में व्यस्त हो गए हैं। इसके साथ ही राजनीतिक टिप्पणियों का दौर भी शुरू हो गया है। हालांकि ऊंट किस करवट बैठेगा, यह कोई नहीं जानता।
क्या बोले भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़
भाजपा से जुड़े सूत्रों की मानें तो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ संघ और पार्टी से जुड़े व्यक्ति हैं। वे हर कदम सोच-समझकर उठाते हैं। जब आलाकमान ने नोटिस जारी करने की अनुमति दे दी, तब उन्होंने नोटिस जारी किया। वे नपे-तुले बयान भी दे रहे हैं। किरोड़ी को नोटिस जारी करने पर उन्होंने मीडिया में बयान दिया कि यह पार्टी का मामला है। संगठन को जो सही लगता है, उस पर निर्णय लिया जाता है। पार्टी में संतुलन और व्यवस्था का होना जरूरी है। हम अपने परिवार के सदस्य को समझाना चाहते हैं। हम पूरा मसला सुलझा लेंगे। वहीं किरोड़ी लाल मीना भी कह रहे हैं कि वे पार्टी द्वारा तय मापदंडों का पालन करेंगे।
19 फरवरी की क्या है तैयारी?
दरअसल, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि किरोड़ी को नोटिस जारी कर भाजपा ने समय ले लिया है। 19 फरवरी को राजस्थान विधानसभा में बजट पेश किया जाना है। भाजपा इस दिन के लिए अपना चक्रव्यूह बुन रही है, ताकि विरोधियों को शांत किया जा सके। विधानसभा में सरकार मजबूत स्थिति में दिखे। कांग्रेस को हर बात का जवाब दिया जा सके। बजट पेश होने से पहले नोटिस का समय खत्म हो जाता और भाजपा किसी नतीजे पर पहुंच जाती। फिलहाल विधानसभा में फ्लोर मैनेजमेंट की जिम्मेदारी संसदीय मंत्री जोगाराम पटेल के पास है। मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग पर यह जिम्मेदारी है कि बजट के दौरान सभी भाजपा विधायक विधानसभा में मौजूद रहें। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को सदन के अंदर और बाहर कांग्रेस को जवाब देने के लिए कहा गया है।
क्या कहा सीएम भजनलाल ने?
सीएम भजनलाल ने सदन में कहा है कि हर बात का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। धीरे-धीरे सदन में उनकी आवाज मुखर होती जाएगी। वह किसी को बख्शने वाले नहीं हैं। सीएम के ऐसे तेवरों को देखते हुए कांग्रेस भी सतर्क है और 19 दिसंबर के लिए रणनीति बना रही है।
क्या है कांग्रेस का रुख?
कांग्रेस किरोड़ी के मुद्दे को पूरी तरह भुनाना चाहती है। इसी वजह से कांग्रेस किरोड़ी लाल मीना के प्रति सहानुभूति दिखा रही है। कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास ने तो यहां तक कह दिया है कि किरोड़ी लाल मीना सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर कर रहे थे। इसी वजह से उनके फोन को टैप किया गया और जासूसी की गई। नेता प्रतिपक्ष टेकाराम जूली ने कहा कि किरोड़ी लाल के बयान को भाजपा कैसे नकार सकती है। जब मदन राठौड़ ने नोटिस जारी किया है तो जरूर कुछ गड़बड़ है। कांग्रेस तब तक सदन नहीं चलने देगी जब तक मुख्यमंत्री सदन में फोन टैपिंग को लेकर कोई बयान जारी नहीं करते। दरअसल, भाजपा किरोड़ी के बयान को पार्टी संविधान के मुताबिक अनुशासनहीनता मान रही है। भाजपा की कलह में कांग्रेस को ‘अवसर’ नजर आ रहा है। इसी के चलते कांग्रेस किरोड़ी से हमदर्दी दिखा रही है। अब सारी रणनीति 19 दिसंबर के लिए है। उसके बाद ही समझा जा सकता है कि किरोड़ी लाल मीना कांग्रेस के लिए सही ‘अवसर’ थे। या भाजपा के लिए ‘बागी’। या भाजपा परिवार के ‘सदस्य’।