उदयपुर। केंद्रीय कानूनी एवं संसदीय कार्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि कांग्रेस ने प्रारंभ से ही डा.अंबेडकर का सदैव अपमान किया। उन्हें नीचा देखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उनके सामने प्रत्याशी को उतारकर उन्हें चुनाव हराने का दुष्कृत किया, जबकि जनसंघ व भाजपा ने सदैव उन्हें प्रतिष्ठित करने में योगदान दिया। उनके देवलोकगमन के बाद उनके जीवन और विचारधाराओं का सम्मान किया। मेघवाल ने यह बात सोमवार को नगर निगम के रंगमंच पर हमारा गौरवशाली संविधान विषयक व्याख्यानमाला में कही। उन्होंने कहा कि वर्ष 1946 में इंग्लैंड में भारत को आजाद करने का तय हुआ। वहां के प्रधानमंत्री ने भारत में राष्ट्रीय सरकार बनाने के लिए नेहरू को कहा था।
नेहरू ने सरकार बनाने के लिए एक फार्मूला बनाया। इसमें पांच हिंदू, पांच मुसलमान, एक सिख, एक दलित, एक इसाई और एक पारसी व्यक्ति को मंत्री बनना तय किया। बाबा साहब का कहीं नाम नहीं था। विरोधी स्वर उठे। बाबा साहब ने तर्क संगत बात करते कहा कि पांच हिंदू प्रतिनिधि तो ठीक है परंतु पांच मुस्लिम की पैरवी क्यों कर रहे हैं। दलित मुसलमान से थोड़े ही कम है फिर भी एक प्रतिनिधि रखा। कांग्रेस ने गलती स्वीकार की और दो व्यक्तियों को राष्ट्रीय सरकार के लिए गैर कांग्रेसी के रूप में नामित किया। इसमें एक डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी और दूसरे डॉ बाबा साहेब अंबेडकर थे।