जयपुर न्यूज़ डेस्क – कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सोमवार को सीकर में राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- अक्ल कीमत पर नहीं मिलती, खुद में होती है। आस-पड़ोस के अच्छे लोगों की सलाह और सुझाव से काम चलाना पड़ता है। उन्होंने कहा- इन्हें (भाजपा सरकार को) अक्ल देने वाला कोई नहीं है। अगर है भी तो ये उसका इस्तेमाल नहीं कर सकते, क्योंकि ये कागज की पर्चियों से बने हैं और उन्हीं पर्चियों से सरकार चला रहे हैं। इनके अपने मंत्री अविनाश गहलोत कह रहे हैं कि हम कागज की पर्चियों से सरकार चलाते हैं। डोटासरा ने कहा कि इन्हें होश आया है या नहीं, यह मैं नहीं बता सकता, लेकिन जनता इन्हें होश में ला देगी। मंत्री किरोड़ी लाल मीना द्वारा दिए गए फोन टैपिंग के बयान पर उन्होंने कहा- ‘सरकार कहां है, दिख रही है?’ जब राजस्थान विधानसभा में गतिरोध चल रहा था, तब सीएम को अपनी बात कहनी चाहिए थी। जो बातें वे जवाहर सिंह बेढम से सड़क पर कहलवा रहे हैं, वही बातें उन्हें सदन के अंदर कहनी चाहिए।डोटासरा सोमवार को सीकर संभाग और नीमकाथाना जिला समाप्त करने के विरोध में वकीलों की भूख हड़ताल में शामिल हुए। अभिभाषक संघ सीकर की ओर से सीकर न्यायालय परिसर के बाहर आठ दिन से भूख हड़ताल चल रही है।
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संभाग ही नहीं रहा तो नगर निगम कैसे बनाएंगे?
सीकर के मास्टर प्लान पर डोटासरा ने कहा- यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा सीकर जिले से हैं। पहले वे नीमकाथाना गए थे, लेकिन अब वे वापस सीकर आ गए हैं। उन्होंने खुद विधानसभा में घोषणा की है कि 31 दिसंबर से पहले आपत्तियां मांगकर उनका समाधान कर सीकर को नया मास्टर प्लान देंगे। अब उस पर भी कोई काम नहीं हो रहा है। आपत्तियां भी नहीं मांगी गई हैं और न ही उसका प्रकाशन किया गया है।डोटासरा ने कहा- खर्रा ने शहरी सीमा बढ़ाने, नगर पालिका सीमा बढ़ाने और नगर निगम बनाने की बात कही थी, लेकिन अब जब संभाग ही खत्म हो गया तो नगर निगम कैसे बनाएंगे, यह मेरी समझ से परे है। नगर परिषद की सीमा तो बढ़ गई, लेकिन नगर निगम नहीं आया और न ही आएगा।
परिसीमन फाइनल होने के बाद 6 महीने के अंदर चुनाव होने चाहिए
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा- यूडीएच मंत्री कभी 12 महीने के लिए पंचायतों का परिसीमन करवाएंगे, कभी वापस ले लेंगे। कभी जिला परिषद क्षेत्र का परिसीमन करवाएंगे, कभी वापस ले लेंगे। चुनाव 12 महीने-डेढ़ साल तक नहीं होने हैं।अगर वे परिसीमन फाइनल कर देते हैं तो एक पुरानी इकाई भंग हो जाएगी और नई इकाई बन जाएगी। जब नई इकाई बनती है तो कानून कहता है कि 6 महीने के अंदर चुनाव अनिवार्य हैं।वे सिर्फ कागजों से खेलते रहेंगे। अभी उनका चुनाव कराने का इरादा नहीं है। जो भी तारीख बढ़ाने की बात कर रहे हैं, वह सिर्फ टाइम पास है। अगर वे चुनाव करवाएंगे तो उन्हें पता चल जाएगा कि वे कितने गहरे पानी में हैं।
एक झटके में संभाग और जिले खत्म कर दिए, एक लाइन में
डोटासरा ने कहा- करीब 2 साल पहले कांग्रेस सरकार ने 17 नए जिले और तीन नए संभाग बनाकर लोगों को राहत दी थी। भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही मंशा जाहिर कर दी थी कि वे जिले और संभाग खत्म कर देंगे।14 महीने तक वे कोई निर्णय नहीं ले पाए और 14 महीने बाद दिल्ली से ब्यूरोक्रेसी और भाजपा हाईकमान की पर्ची आ गई। इसके बाद एक झटके में 9 जिले और तीन संभाग खत्म कर दिए, एक लाइन में।उन्होंने कहा- अगर वे अपनी जिद पर अड़े रहे और सीकर को संभाग और नीमकाथाना को जिला नहीं बनाया तो कांग्रेस सरकार आते ही कैबिनेट का पहला फैसला सीकर संभाग, नीमकाथाना जिले और अन्य जिलों को लेकर सकारात्मक फैसला होगा।