जयपुर न्यूज़ डेस्क – जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रनवे की रीकार्पेटिंग का काम 30 मार्च से शुरू होने जा रहा है। रीकार्पेटिंग का काम सुबह 9:30 बजे से शाम 06:00 बजे के बीच किया जाएगा। ऐसे में साढ़े 8 घंटे तक फ्लाइट्स का संचालन नहीं हो सकेगा। 90 दिन के भीतर काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। विमान संचालन को बेहतर बनाने के लिए रनवे को मजबूत करने का काम किया जाएगा। जयपुर एयरपोर्ट का रनवे 3,407 मीटर लंबा और 45 मीटर चौड़ा है। रनवे के दोनों तरफ 15 मीटर अतिरिक्त शोल्डर स्पेस बनाया जाएगा।
बिटुमिनस रनवे की मिलिंग भी होगी शामिल
रीकार्पेटिंग में मौजूदा बिटुमिनस रनवे की निर्धारित तकनीकी मानकों के अनुसार मिलिंग शामिल होगी, जिसके बाद मानकों के अनुसार डिजाइन मापदंडों को पूरा करने के लिए बिटुमिनस इनले और ओवरले का उपयोग किया जाएगा। रनवे सहित कुल 2.04 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में रीकार्पेटिंग का काम किया जाएगा।
टेकऑफ़ और लैंडिंग में कम समय लगेगा
पिछले महीने जयपुर एयरपोर्ट ने अपने नए 3065 मीटर लंबे समानांतर टैक्सीवे की कमीशनिंग पूरी की। समानांतर टैक्सीवे की वजह से विमान एक साथ चल सकेंगे, जिससे टेकऑफ़ और लैंडिंग के लिए प्रतीक्षा समय में काफी कमी आएगी। एक कदम और आगे बढ़ते हुए, रीकार्पेटिंग अवधि के दौरान अतिरिक्त रनवे एग्जिट टैक्सीवे बनाने का प्रस्ताव है। रनवे एग्जिट टैक्सीवे रनवे और टैक्सीवे को जोड़ने वाली एक छोटी सड़क है, जो रनवे पर विमानों के प्रवेश और निकास को तेज़ बनाती है।
एयरफील्ड साइनेज को अपग्रेड किया जाएगा
रनवे रीकार्पेटिंग परियोजना के दौरान पूरे एयरफील्ड ग्राउंड लाइटिंग (AGL) सिस्टम को भी अपग्रेड किया जाएगा। मौजूदा हैलोजन लाइटिंग सिस्टम को LED सिस्टम से बदला जाएगा और एयरफील्ड साइनेज को भी अपग्रेड किया जाएगा। LED में रूपांतरण से एयरपोर्ट के लिए कम से कम 50 प्रतिशत बिजली की बचत होगी।