धौलपुर न्यूज़ डेस्क, धौलपुर शहर के जनाना अस्पताल में सफाई व्यवस्था मरीजों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। कचरे का निस्तारण नहीं कर उसको टायलेटों व अन्य जगहों पर भरा जा रहा है। शुक्रवार को भी सफाई कर्मचारियों ने कचरा इकट्ठा कर मदर मिल्क बैंक के बगल के टायलेट में भर बाहर से ताला जड़ दिया गया। सफाई कर्मचारियों का यह रवैया मरीजों को संक्रमित कर सकता है।जनाना अस्पताल से बायोमेडिकल बेस्ट और रोजमर्रा का कचरा निकलता है। जिसमें से बायोमेडिकल बेस्ट को इकट्ठा कर स्टोर में रखा जाता है। जिसे अधिकृत कंपनी ले जाती है। तो वहीं रोजमर्रा के निकलने वाले कचरे को नगर निगम के डंपिय यार्ड के हवाले कर दिया जाता है। लेकिन ठेके पर कार्य करने वाले सफाई कर्मचारी रोजमर्रा के कचरे फेंकने की जगह अस्पताल परिसर में ही इकट्ठा कर रख देते हैं।
शुक्रवार सुबह भी यही नजारा देखने को मिला जब सफाई कर्मचारी अस्पताल से निकले कचरे को मदर मिल्क बैंक के बगल से बने टॉयलेट में भर रहे थे। कचरे को टॉयलेट में भरने के बाद उसका ताला भी जड़ दिया गया। तो वहीं पर्चा केन्द्र के सामने से जाने वाले जीने के बगल भी कर्मचारियों ने दो तीन कट्टों में कचरा भर वहीं छोड़ दिए। अस्पताल में आने वाले मरीजों के साथ अटेंण्डरों ने भी बताया कि अस्पताल में सफाई व्यवस्था सुदृढ़ नहीं है। जगह-जगह गंदगी फैली रहती है। टॉयलेट लाल हो रहे जिनसे सड़ांध आती है। मरीजों ने बताया कि टीकाकरण के बगल से बने बाथरूम में भी गंदगी भरी हुई है उस ओर किसी का भी ध्यान नहीं जाता, मानो जिमेदार आंखें बंद कर बैठे हैं। अस्पताल परिसर में फैली गंदगी और उठती दुर्गंध के साथ सफाई कर्मचारियों का यह रवैया गर्भवतियों के साथ शिशुओं को संक्रमण की चपेट में ले सकता है।
निराश्रित गोवंश और श्वानों का जमावड़ा
गंदगी केवल अस्पताल के अंदर ही नहीं अपितु बाहर परिसर में फैली रहती है। जहां कचरा पार्किंग स्थल से लेकर विश्राम भवन, पानी की टंकी यूं ही बिखरा रहता है। साथ ही निराश्रित गोवंश भी परिसर को गंदा करते रहते हैं। लेकिन इसके बाद भी इन गोवंश और उचित स्थानों पर नहीं पहुंचाया जाता है। तो वहीं बाहर परिसर के साथ पर्चा केंद्र के समक्ष श्वानों को भी विचरण देखा जा सकता है। जो कि किसी को भी अपना शिकार बना सकते हैं।
कचरे से करते हैं बेचने योग्य सामग्री का संग्रहण : अस्पताल में कचरे का निस्तारण नहीं करने के बजाय उसको टॉयलेट सहित अन्य जगहों पर भरने में एक थ्योरी भी सामने आई है। जिसमें पता चला है कि सफाई कर्मचारी बोयोबेस्ट और कचरे को ऐसे ही भरकर रख लेते हैं। जिसके बाद उसमें से प्लास्टि की बोतलें, इंजेक्शन सहित बेचने योग्य सामग्री का संग्रहण करते हैं। सफाई कर्मचारियों का यह रवैया अस्पताल में भर्ती मरीजों के जीवन पर भी संकट डाल सकता है।