डूंगरपुर न्यूज़ डेस्क, डूंगरपुर प्रदेश के शैक्षिक रूप से अति पिछड़े जिलों में अग्रिम पंक्ति में खड़े डूंगरपुर जिले के शिक्षा विभाग ने एक बार फिर बड़ी छलांग लगाई है। शाला दर्पण रैकिंग में गत कुछ महिनों में लुढक़ते-लुढक़ते 20वें एवं 25वें पायदान पर पहुंच गया था। अक्टूबर माह में टॉप फाइव तथा नवंबर में सातवें पायदान पर आने के साथ ही जिला अब सीधे दूसरे पायदान पर पहुंच गया है। शाला दर्पण रैकिंग को लेकर शिक्षा विभाग की ओर से किए प्रयासों के बूते सीकर के बाद डूंगरपुर जिले ने जगह बनाई है। वहीं, पड़ौसी जिला बांसवाड़ा लगातार खराब प्रदर्शन करते हुए अब 28वें पायदान पर है।
संभाग में अव्वल
डूंगरपुर जिले ने संभाग में अच्छा प्रदर्शन करते हुए टॉप किया है। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद से शाला दर्पण पर डाटा के आधार पर प्रतिमाह रैंकिंग जारी करता है। विभाग विभिन्न पैरामीटर्स के आधार पर जिलों की रैंकिंग तय करता है। रैंकिंग में सुधार के लिए पीईईओ को अपने अधीन स्कूलों के निर्धारित पैरामीटर की सूचनाएं शाला दर्पण पर अपलोड करवानी होती है। परिषद शैक्षिक, नामांकन, सामुदायिक सहभागिता व आधारभूत सुविधा के आधार पर मिले अंकों से ऑनलाइन रैंक तय करती है। इसमें शैक्षणिक श्रेणी के पुरस्कार के 15 अंक, छात्र उपस्थिति के 5 अंक, पुस्तक वितरण के पांच अंक, बोर्ड परीक्षा में चार एवं पांच स्टार रैंकिंग के 30 अंक, नामांकन वृद्धि के 10 अंक, उजियारी पंचायत के 5 अंक, ज्ञान संकल्प पोर्टल पर डोनेशन राशि के 10 अंक, पीटीएम में अभिभावकों की मौजूदगी के 5 अंक, आईसीटी लेब के 5 अंक, एसडीएमसी बैठक के 5 अंक एवं खेल मैदान के 5 अंक मिलते हैं।