---Advertisement---

Rajasthan News: ट्रक चलाते समय किसान को आया शानदार आइडिया, बदल गई परिवार की किस्मत

---Advertisement---

भरतपुर न्यूज़ डेस्क, भरतपुर जिले के रूपवास उपखंड के गांव बुराना के किसान हेतसिंह की मेहनत और सूझबूझ ने उनकी जिंदगी बदलकर रख दी। पारंपरिक खेती में घाटा झेलने के बाद हेतसिंह ने गाजर की खेती का दामन थामा और यह फैसला उनके लिए वरदान साबित हुआ। आज वह न केवल आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो गए हैं, बल्कि अन्य किसानों के लिए प्रेरणा बन गए हैं।

हेतसिंह के पास कुल 5 बीघा भूमि है, जहां पहले वह गेहूं और बाजरा जैसी पारंपरिक फसलें उगाया करते थे। हालांकि, मुनाफा ना होने के कारण वह हताश होकर ट्रक चलाने का काम करने लगे। तीन साल पहले आगरा की सब्जी मंडी में उनकी मुलाकात मथुरा जिले के मनोरपुर गांव के किसान राम किशन से हुई। राम किशन ने गाजर की खेती करने का सुझाव दिया और उन्हें इसकी तकनीक और फायदे समझाए। इस मुलाकात ने हेतसिंह की जिंदगी बदल दी।हेतसिंह ने 4 बीघा भूमि पर गाजर की खेती शुरू की। एक बीघा में करीब 12 हजार रुपये खर्च होते हैं और 4 महीने में यह फसल 35 से 40 हजार रुपये तक का मुनाफा देती है। इस तरह कम लागत और कम समय में उन्होंने अच्छी कमाई शुरू कर दी। उनके अनुसार, गाजर की फसल तैयार होने में सिर्फ 4 महीने लगते हैं और इसके बाद वह अन्य फसलें भी उगा लेते हैं।

परिवार जी रहा है खुशहाल जीवन

आज हेतसिंह का परिवार खुशहाल जीवन जी रहा है। उन्होंने बताया कि अब वह पूरी तरह खेती पर निर्भर हैं और ट्रक चलाने का काम छोड़ चुके हैं। गाजर की खेती ने उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया और परिवार के खर्चों के साथ बचत भी होने लगी। हेतसिंह का कहना है कि सही जानकारी और मेहनत से किसान अपनी किस्मत खुद बदल सकता है। गाजर की खेती ने उन्हें यह सिखाया कि यदि किसान पारंपरिक खेती से हटकर नई तकनीकों और फसलों को अपनाए, तो न केवल उन्हें मुनाफा होगा, बल्कि खेती से जुड़ा उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।

---Advertisement---

लेखक के बारें में....

Rajasthan E Khabar Webdesk

Leave a Comment

loader