जयपुर न्यूज डेस्क – राजस्थान में 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली योजना पर संकट मंडरा रहा है। सूत्रों की मानें तो राज्य सरकार बजट-2025-26 में मुफ्त बिजली खत्म कर सकती है। मौजूदा समय में 1 करोड़ से ज्यादा उपभोक्ता 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली का लाभ ले रहे हैं। हालांकि बिजली उपभोक्ताओं को इस बड़े झटके से उबारने के फॉर्मूले पर भी काम चल रहा है। मुफ्त बिजली योजना को हटाकर राज्य सरकार यूपी और हरियाणा की तर्ज पर रूफ टॉप सोलर में अतिरिक्त सब्सिडी की घोषणा कर सकती है। पीएम सूर्य घर योजना के तहत रूफ टॉप सोलर लगाने वालों को सब्सिडी दी जा रही है। इसी योजना में राज्य सरकार छतों पर सोलर लगाने वाले उपभोक्ताओं को 40 हजार तक की एकमुश्त सब्सिडी के साथ 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने पर विचार कर सकती है। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने जनवरी में इस ओर संकेत दिए थे, जिसका असर इस बजट घोषणा में देखने को मिल सकता है। बजट में कोरोना के कारण खुले खजाने से बढ़ते कर्ज को नियंत्रित करने, पिछली गहलोत सरकार के कार्यकाल में मुफ्त और रियायती योजनाओं के संकेत हैं।
हरियाणा-यूपी की तर्ज पर केंद्र से अलग सब्सिडी का फार्मूला
फिलहाल राज्य में उपभोक्ताओं को 100 यूनिट मुफ्त बिजली मिल रही है। सूत्रों के अनुसार इस बजट में मुफ्त बिजली में कटौती हो सकती है। लेकिन चूंकि यह आम आदमी से जुड़ा मुद्दा है, इसलिए सरकार सोच-समझकर कदम उठाना चाहती है। हाईकमान स्तर पर मुफ्त बिजली के मुद्दे पर विचार-विमर्श चल रहा है। इस मामले में अंतिम फैसला मुख्यमंत्री भजनलाल लेंगे। हरी झंडी मिलते ही बजट में सब्सिडी बंद करने की घोषणा हो सकती है। इस झटके से उबरने के लिए आम उपभोक्ताओं को छत पर सोलर लगाने में अतिरिक्त सब्सिडी की घोषणा हो सकती है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार हरियाणा, यूपी की तर्ज पर मुफ्त बिजली की जगह यह फार्मूला अपनाया जा सकता है। पीएम सूर्यघर योजना के तहत केंद्र सरकार घर की छत पर सोलर पैनल लगाने पर सब्सिडी देती है, राज्य सरकार अपने कोटे से 12 से 20 फीसदी की एकमुश्त अतिरिक्त सब्सिडी दे सकती है। जानकारी के अनुसार हरियाणा, यूपी राज्य ऐसा कर रहे हैं और मध्य प्रदेश भी तैयारी में लगा है। केंद्र के अलावा हरियाणा में छत पर सोलर लगाने पर 50,000 रुपये और यूपी में 30,000 रुपये तक की सब्सिडी दी जा रही है।
300 यूनिट तक मुफ्त बिजली, योजना में शामिल 45% बिल ‘शून्य’
राजस्थान सरकार का मानना है कि प्रोत्साहन के लिए केंद्र और राज्य दोनों की सब्सिडी को मिलाकर उपभोक्ता को अच्छा सहयोग दिया जा सकता है।
छत पर सोलर लगाने वाले उपभोक्ता को हर महीने 150 से 300 यूनिट मुफ्त बिजली मिलेगी।
केंद्र सरकार के अलावा राज्य सरकार उसे 12 से 20% सब्सिडी अलग से देगी।
इस सब्सिडी से उपभोक्ता को 10,000 रुपये से 40,000 रुपये तक का अतिरिक्त लाभ मिल सकता है।
उपभोक्ता को 25 साल तक हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिल सकेगी।
सोलर पैनल आमतौर पर 25 साल तक आसानी से चल सकते हैं।
केंद्र सरकार के आंकड़ों पर गौर करें तो जनवरी तक देश में 8.46 लाख परिवारों को पीएम सूर्य घर योजना का लाभ मिला है। इस योजना को 13 फरवरी को एक साल पूरा हो गया है। इस योजना का लाभ लेने वाले 45 फीसदी उपभोक्ताओं का बिजली बिल ‘शून्य’ हो गया है। इन परिवारों के घरों पर लगे सोलर पैनल उतनी ही यूनिट बिजली पैदा कर रहे हैं, जितनी उन्हें जरूरत है। पीएम सूर्य घर योजना के तहत भारत सरकार ने साल 2027 तक सोलर पैनल लगाकर एक करोड़ घरों का बिजली बिल शून्य करने का लक्ष्य रखा है।
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राजस्थान की बिजली कंपनियां मार्च 2024 तक कुल 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपये के घाटे में थीं। इन भारी घाटे के बीच पिछली सरकार में मुफ्त बिजली योजना शुरू की गई थी। राजस्थान से पहले कुछ राज्यों ने मुफ्त बिजली योजना शुरू की थी। दिल्ली, पंजाब जैसे राज्यों में आम आदमी पार्टी की जीत के बाद मुफ्त बिजली को चुनाव जीतने का फॉर्मूला माना गया। पंजाब में 300 यूनिट, दिल्ली और कर्नाटक में 200-200 यूनिट, हिमाचल प्रदेश में 125 यूनिट, छत्तीसगढ़ में 30 यूनिट और किसानों को 400 यूनिट तक बिजली मुफ्त मिल रही है। इन राज्यों के साथ ही 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली उपभोक्ताओं को सब्सिडी मिल रही है। सबसे ज्यादा सब्सिडी पाने वाले राज्यों में मध्य प्रदेश, कर्नाटक समेत राजस्थान शामिल हैं।
300 यूनिट तक बिजली खपत करने वालों को मुफ्त समेत रियायतें
राजस्थान में पिछली गहलोत सरकार ने पहले 50 और फिर 100 यूनिट बिजली मुफ्त कर दी थी। इस योजना के तहत अगर घर में 100 यूनिट से ऊपर 150, 200, 300 या इससे ज्यादा बिजली खपत हो रही है तो पहली 100 यूनिट पर कोई पैसा खर्च नहीं हो रहा है। हालांकि, राजस्थान में मुफ्त बिजली और सब्सिडी मॉडल को देखें तो 300 या इससे ज्यादा यूनिट खपत करने वाले उपभोक्ताओं को भी कुछ रियायत (सब्सिडी) का लाभ मिल रहा है।गौरतलब है कि राज्य में करीब 1.59 करोड़ बिजली उपभोक्ता हैं। इनमें से 1.19 करोड़ घरेलू बिजली उपभोक्ता हैं। जानकारी के मुताबिक 1.04 करोड़ उपभोक्ता 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली के दायरे में आते हैं। इनमें से ज्यादातर उपभोक्ताओं को जीरो बिजली बिल मिल रहा है। इसके अलावा 15 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को हर साल 1800 करोड़ रुपए की रियायत मिल रही है। इनमें 300 यूनिट से अधिक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ता भी शामिल हैं।
100 यूनिट मुफ्त बिजली योजना से सरकार पर बोझ- सालाना करीब 7 हजार करोड़
100 यूनिट मुफ्त बिजली योजना का लाभ केवल उन्हीं घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को मिल रहा है, जिन्होंने गहलोत सरकार द्वारा आयोजित ‘महंगाई राहत शिविर’ में पंजीकरण कराया है। जिन लोगों ने उन शिविरों में पंजीकरण नहीं कराया है, वे मुफ्त बिजली योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। साथ ही, इन शिविरों के बाद जिन उपभोक्ताओं ने घरेलू कनेक्शन लिया है, उन्हें भी इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है।