जयपुर। कोविड के दौरान जवाहरात उद्योग से कारीगरों के दूसरे क्षेत्रों में पलायन के कारण आवश्यक श्रम की उपलब्धता में कमी हो गई है। ज्वैलर्स असोसिएशन व उद्योग के स्तर पर नए श्रमिकों को प्रशिक्षण दे कर कमी का दूर करने के प्रयास किये जा रहे है। इसी कड़ी में ज्वैलर्स असोसिएशन जयपुर, जयपुर ज्वैलरी शो (JJS), इण्डियन इन्स्टीट्यूट ऑफ जैम एण्ड ज्वैलरी जयपुर (IIGJ) एवं सीतापुरा जैम एण्ड ज्वैलरी इन्डस्ट्री एसोसिएशन (SGJIA) जयपुर की ओर से जैम स्टोन कटिंग एण्ड पॉलिशिंग के निःशुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम ‘‘स्पार्कल’’ का प्रारम्भ 26 नवम्बर, 2024 को किया गया था।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य जैम्स और ज्वैलरी उद्योग में नई प्रतिभाओं को तैयार करना और उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करना है। स्पार्कल का पहला बैच, जिसमें 23 प्रशिक्षु है, का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है जो अब उद्योग में कार्य करने को तैयार है। कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षण पूरा करने वाले उम्मीदवारों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। इस अवसर पर ज्वैलर्स असोसिएशन के अध्यक्ष आलोक सौंखिया, मानद् मंत्री नीरज लुणावत, IIGJ के चेयरमैन डा. नवल अग्रवाल, GJEPC से नितिन खंडेलवाल, JJS के सचिव राजीव जैन, और SGJIA के प्रतिनिधि अभिषेक सांड व प्रमुख उद्योगपति प्रवीन मेहता व लक्ष्मण कट्टा उपस्थित रहे।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में युवाओं को रत्न कटाई और पॉलिशिंग के विशेष कौशल सिखाए गए, जिससे वे जैम्स और ज्वैलरी उद्योग में अपना करियर बना सकें। इस पहल को सभी अतिथियों ने सराहा और इसे जैम्स और ज्वैलरी क्षेत्र में नई प्रतिभाओं को निखारने का एक उत्कृष्ट प्रयास बताया। प्रमाण-पत्र वितरण के पष्चात् इन सभी प्रशिक्षुओं को रोज़गार प्रदान करने के लिये जवाहरात उद्योग की 12 कम्पनीयां प्रशिक्षुओं के साक्षत्कार के लिये आई। साक्षत्कार में सभी प्रशिक्षुओं का चयन कम्पनियों द्वारा कर लिया गया। इस प्रकार स्पार्कल के प्रथम बैच के सभी प्रशिक्षुओ को रोज़गार भी मिल गया। स्पार्कल के दूसरे बैच का प्रशिक्षण 3 फरवरी से प्रारम्भ होगा। यह कार्यक्रम जैम्स और ज्वैलरी उद्योग में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार करने वाला साबित हुआ है।