बीकानेर न्यूज़ डेस्क – जल संकट से जूझ रहे किसानों का गुस्सा अब चरम पर पहुंच गया है। सोमवार को खाजूवाला आईजीएनपी की आरडी 620 हैड पर किसानों ने जोरदार प्रदर्शन किया, जिसमें सैकड़ों किसान महापड़ाव स्थल से हैड पर पहुंचे और नारेबाजी करते हुए हैड पर चढ़ गए। किसानों ने प्रशासन को शाम पांच बजे तक निर्णय लेने की चेतावनी दी है। यदि प्रशासन इस समय सीमा में कोई ठोस कदम नहीं उठाता है तो किसानों ने हैड के गेट खोलकर पूगल ब्रांच नहर में पानी छोड़ने की चेतावनी दी है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पानी की आपूर्ति को लेकर प्रशासन लंबे समय से उनकी अनदेखी कर रहा है, जिसके कारण किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं।
किसानों के अनुसार यह विभागीय लापरवाही और नाकामी का नतीजा है, जिसके कारण उनकी आजीविका पर संकट मंडरा रहा है। किसान अब आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं और अपनी मांगों को लेकर किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। उन्होंने साफ कर दिया है कि वे जबरन हैड के गेट खोलने का ऐलान कर चुके हैं और यदि समाधान नहीं हुआ तो नहर में पानी छोड़ देंगे। इस मामले में किसान नेता भूप राम भांभू और मदन पूनिया के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल बीकानेर पहुंच गया है। दोपहर 3 बजे बीकानेर कमिश्नर और कलेक्टर से वार्ता होगी।
किसानों का कहना है कि अगर वार्ता विफल रही तो वे प्रशासन की अनुमति के बिना खुद ही पानी छोड़ने का कदम उठाएंगे। किसानों के बढ़ते आक्रोश ने प्रशासन पर भारी दबाव बना दिया है। अगर समय रहते कोई समाधान नहीं निकला तो स्थिति और भी तनावपूर्ण हो सकती है। पानी की आपूर्ति और किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए समय का महत्व बढ़ गया है, क्योंकि किसान अपनी जान की बाजी लगाने के लिए भी तैयार हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन इस संकट का समाधान कैसे करता है और किसानों का गुस्सा किस ओर मुड़ता है।