बीकानेर न्यूज़ डेस्क — सरकार हर साल पूरे एक महीने तक सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाती है। इस दौरान यातायात पुलिस और परिवहन विभाग यातायात नियमों का पालन करने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाते हैं। नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के चालान भी काटते हैं। आम दिनों में भी पुलिस और परिवहन विभाग यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर चालान काटते हैं और भारी जुर्माना वसूलते हैं, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि यातायात नियमों का पाठ पढ़ाने वाले खुद ही नियमों का पालन नहीं करते। राजस्थान के बीकानेर जिले में कई अधिकारियों के सरकारी वाहन नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। अगर कोई वाहन बीमा खत्म होने और प्रदूषण प्रमाण पत्र न होने पर सड़क पर चलता है तो पुलिस और परिवहन विभाग वाहन जब्त कर लेते हैं, लेकिन अधिकारियों के वाहन बिना किसी रोक-टोक के दौड़ रहे हैं। बीकानेर जिला प्रशासन के अधिकारियों के वाहनों के प्रदूषण प्रमाण पत्र और बीमा के बारे में जब जानकारी जुटाई गई तो काफी हैरानी हुई। कई अधिकारियों के वाहन ऐसे हैं जिनका बीमा खत्म हो चुका है। कई वाहनों के पास प्रदूषण प्रमाण पत्र भी नहीं है।
कलेक्टर और रेंज आईजी के सरकारी वाहनों के पास भी प्रदूषण प्रमाण पत्र नहीं
1 जनवरी से 31 जनवरी तक राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया गया। इस दौरान जिले में 12261 वाहनों के चालान किए गए। इनमें से 211 चालान निजी वाहन चालकों के काटे गए, जिनके पास प्रदूषण प्रमाण पत्र नहीं था। अब आपको जानकर हैरानी होगी कि आम लोग भारी जुर्माना भरने को मजबूर हैं, लेकिन बीकानेर के जिला कलेक्टर और रेंज आईजी के सरकारी वाहनों के पास प्रदूषण प्रमाण पत्र नहीं है। परिवहन विभाग और यातायात पुलिस ने निजी वाहनों के चालान काटे, लेकिन सरकारी वाहनों की जांच तक नहीं की गई। अगर जांच होती तो सरकार की पोल खुल जाती।
प्रशासनिक अधिकारियों के इन वाहनों की हालत देखिए
जिला कलेक्टर के सरकारी वाहन नंबर आरजे 07 यूए 8485 और रेंज आईजी के सरकारी वाहन नंबर आरजे 14 यूई 7277 के पास प्रदूषण प्रमाण पत्र नहीं है। रेंज आईजी के सरकारी वाहन का प्रदूषण प्रमाण पत्र दो साल पहले ही एक्सपायर हो चुका है। इसी तरह एडीएम सिटी के सरकारी वाहन संख्या आरजे 07 यूबी 0715 का प्रदूषण प्रमाण पत्र जुलाई 2024 में समाप्त हो चुका है। बीकानेर ट्रैफिक पुलिस के क्रेन वाहन संख्या आरजे 07 यूए 0309 का बीमा अप्रैल 2012 में समाप्त हो चुका है। आरटीओ फ्लाइंग स्क्वायड के वाहन संख्या आरजे 14 यूसी 8976 का बीमा भी वर्ष 2014 में समाप्त हो चुका है। ऐसे कई सरकारी वाहन हैं, जिनका प्रदूषण प्रमाण पत्र समाप्त हो चुका है और बीमा भी समाप्त हो चुका है। इसके बावजूद ये सरकारी वाहन सड़कों पर खुलेआम दौड़ रहे हैं।
नियमों का पालन करना सभी के लिए अनिवार्य
राजस्थान हाईकोर्ट के अधिवक्ता कैलाश राम बाजिया का कहना है कि भारत सरकार ने मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत प्रदूषण प्रमाण पत्र बनवाना अनिवार्य कर दिया है। अगर किसी चालक के पास वाहन का प्रदूषण प्रमाण पत्र नहीं है तो उस वाहन का उपयोग नहीं किया जा सकता। यह नियम सभी प्रकार के निजी और सरकारी वाहनों के लिए एक समान है। प्रदूषण प्रमाण पत्र या बीमा समाप्त होने पर इन प्रमाण पत्रों का नवीनीकरण करवाना वाहन मालिक या चालक की जिम्मेदारी होती है।
कलेक्टर व रेंज आईजी ने कहा- जांच करवाएंगे
बीकानेर कलेक्टर नम्रता वृष्णि का कहना है कि सरकारी वाहनों के प्रदूषण प्रमाण पत्र व बीमा की जानकारी रखना जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है। खासकर वाहन चालकों को इस पर नजर रखनी चाहिए। जिले में अगर बिना प्रदूषण प्रमाण पत्र या बिना बीमा के वाहन चल रहे हैं तो यह गलत है। इसकी जांच करवाएंगे। रेंज आईजी ओमप्रकाश मातवा का भी कहना है कि नियम सबके लिए बराबर हैं। अगर कोई सरकारी वाहन नियमों के विरुद्ध चल रहा है तो इसकी जांच करवाएंगे।