सवाई माधोपुर न्यूज़ डेस्क – किसानों के लिए रबी फसलों की गिरदावरी प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के तहत राज्य सरकार ने राज किसान गिरदावरी एप के माध्यम से किसानों को स्वयं गिरदावरी करने की सुविधा प्रदान की है। इस डिजिटल पहल से पटवारियों पर निर्भरता कम होगी तथा फसलों का वास्तविक आंकलन संभव हो सकेगा। जिले में कुल 8 लाख 92 हजार 824 खसरों में से अब तक 1 लाख 80 हजार 110 की गिरदावरी पूरी हो चुकी है। इनमें से 61 हजार 317 गिरदावरी किसानों द्वारा स्वयं ई-गिरदावरी के माध्यम से की गई है। तहसीलवार आंकड़ों के अनुसार सबसे अधिक 39,316 गिरदावरी सवाई माधोपुर तहसील में दर्ज की गई है।
वजीरपुर में 22,789, बामनवास में 21,022, चौथ का बरवाड़ा में 20,806, बौंली में 16,859, मलारनाडूंगर में 16,389, बरनाला में 13,319, मित्रपुरा में 13,055, गंगापुर सिटी में 12,278 तथा तलावड़ा में 4,277 गिरदावरी पूरी हो चुकी है।यह प्रक्रिया 1 जनवरी से शुरू कर दी गई है। किसान अपने मोबाइल में गूगल प्ले स्टोर से राज किसान गिरदावरी एप डाउनलोड कर तथा जन आधार से लॉगिन कर आसानी से गिरदावरी कर सकते हैं। राज्य सरकार किसानों को स्वयं ई-गिरदावरी करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है, ताकि फसल खराबे का सही आंकलन हो सके तथा किसानों को समय पर उचित मुआवजा मिल सके।
कैसे करें ई-गिरदावरी
सबसे पहले आपको अपना जन आधार संबंधित गांव के पटवारी को भेजना होगा तथा जन आधार को अपने खसरे से जोड़ना होगा। जिसके बाद राज किसान गिरदावरी एप डाउनलोड करना होगा और अपने जनआधार से एप को लॉग इन करना होगा। आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर ओटीपी प्राप्त होगा, सत्यापन के बाद एप लॉग इन होगा। इसके बाद फसल विवरण जोड़ें पर क्लिक करना होगा। फिर ऊपर की तरफ जनआधार से लिंक खसरा का विकल्प आएगा, उस पर क्लिक कर अपना जिला चुनें और आगे बढ़ें। जिसके बाद आपके खेत का खसरा नंबर प्रदर्शित होगा, उस पर कैलिब्रेट पर क्लिक करें। कैलिब्रेट करने के बाद गिरदावरी सीजन और फसल का चयन कर खसरे का रकबा हेक्टेयर में अंकित करना होगा। इसके बाद फसल सिंचित है या असिंचित और यदि सिंचाई के स्त्रोत और फलदार वृक्ष हैं तो उनकी संख्या आदि, खेत-खसरे में बोई गई फसल की उच्च गुणवत्ता वाली फोटो अपलोड करनी होगी ताकि पटवारी स्तर की जांच में फसल की स्थिति स्पष्ट हो सके। उक्त प्रक्रिया के पश्चात प्रिंट प्रिव्यू का विकल्प दिखाई देगा, यहां क्लिक करने के पश्चात सबमिट का विकल्प आएगा। सबमिट विकल्प पर क्लिक करने पर किसान द्वारा की गई गिरदावरी सबमिट हो जाएगी तथा पंजीयन क्रमांक प्राप्त हो जाएगा।
ई-गिरदावरी के लाभ
किसानों द्वारा स्वयं गिरदावरी करने से गिरदावरी कार्य में पटवारी स्तर पर निर्भरता कम होगी तथा वास्तविक फसल की गिरदावरी करना संभव हो सकेगा। साथ ही फसल का चिन्हांकन भी सही तरीके से हो सकेगा।
कलेक्टर की अपील
कलेक्टर शुभम चौधरी ने जिले के सभी किसानों से अपील की है कि वे किसान राज किसान गिरदावरी एप का अधिक से अधिक उपयोग करें तथा अपनी रबी फसल की गिरदावरी स्वयं करें। जिससे किसान को पटवारी पर निर्भर न रहना पड़े तथा फसल का सही आंकलन हो तथा गिरदावरी कार्य समय पर पूर्ण हो सके। जिन किसानों के खेत में किसी भी प्रकार की फसल नहीं है, वे भी निल फसल (कोई फसल नहीं) का चयन कर गिरदावरी प्रस्तुत करें।