जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विवि की ओर से फैकल्टी के 79 पदों पर की जाने वाली भर्ती के लिए 50 दिन पहले नोटिफिकेशन जारी करने के बाद अभी तक आवेदन नहीं मांगें। 2013 के बाद होने वाली भर्ती कभी लिखित परीक्षा तो कभी साक्षात्कार के फेर में ही उलझी है। पिछले 12 साल से शिक्षकों की भर्ती नहीं हो रही, जिससे एनएमसी नई दिल्ली के मापदंड पूरा नहीं होने से न केवल नए पीजी कोर्स प्रारंभ करने में बल्कि अस्पतालों में आने वाले मरीजों को इलाज में दिक्कत आ रही है। साथ ही युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। राज्यपाल ने भी 20 दिसंबर 2014 को सरकार को आरयूएचएस में शिक्षकों की भर्ती 1974 कानून के तहत करने के लिए पत्र लिखा है। जिसमें सिर्फ साक्षात्कार का ही प्रावधान है। ऐसे में अब विश्वविद्यालय प्रशासन को जल्द से जल्द निर्णय लेकर भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ करनी चाहिए। जिससे युवाओं का सपना पूरा हो सकें।
साक्षात्कार के जरिए ही भर्ती कराएं
आरयूएचएस में पिछले 8 से 10 साल से काम कर रहे मेडिकल शिक्षकों को अभी तक नियमित नहीं करके उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार सालों से काम करने वाले मेडिकल शिक्षकों को नियमित करना ही एक विकल्प है। नियमित करने के लिए पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने चिकित्सा मंत्री को और गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखा है।आरयूएचएस के बॉम सदस्य डॉ. शैलेष सिंह ने आरयूएचएस के कुलपति को पत्र लिखकर कहा है कि शिक्षकों की भर्ती 1974 और यूजीसी के नियमानुसार साक्षात्कार के जरिए करें। और 8 नवंबर 2024 को बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट की आयोजित मीटिंग में भी शैलेष सिंह ने यूनिवर्सिटी में पिछले दस सालों से काम कर रहे शिक्षकों को नियमित करने का प्रस्ताव भी रखा। जिसको आरयूएचएस ने राज्यपाल और सरकार को अग्रिम कार्यवाही के लिए भेजा है।
जानिए…कब-क्या हुआ
आरयूएचएस की ओर से 11 दिसंबर 2024 को विज्ञापन जारी।
{विवि प्रशासन ने 28 दिसंबर से ऑनलाइन आवेदन मांगने का शिड्यूल जारी किया।
{अभी तक वेबसाइट पर आवेदन का लिंक ही उपलब्ध नहीं।
{वर्ष-2015, नवंबर -2023 और अप्रेल-2024 में निकली भर्ती परीक्षा निरस्त।
{साइड इफैक्ट : युवाओं को सरकारी नौकरी का इंतजार, आरयूएचएस को एम्स की तर्ज पर रिम्स बनने में हो रही देरी।
79 मेडिकल शिक्षकों की भर्ती का मामला