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Rajasthan News: Jaipur दवा मुक्त योजना के तहत अस्पतालों में 50 दवाएं खत्म, 130 खत्म होने वाली हैं;

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जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर राजधानी सहित जोधपुर, उदयपुर, भरतपुर, कोटा मेडिकल कॉलेज सहित कई जिला अस्पतालों में मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना में दी जाने वाली दवाइएं खत्म होने लगी हैं। स्थिति ये है कि 50 से अधिक दवाएं खत्म हो चुकी हैं और 130 से अधिक खत्म होने की कगार पर हैं। बार-बार डिमांड के बाद भी ड्रग वेयर हाउस में दवाएं नहीं पहुंचा पा रही हैं। ऐसे में मरीजों को कुछ दिन बाद लेने के लिए कहा जा रहा है। खत्म होने वाली दवाओं में सिट्राजिन, पेरासिटामोल टेबलेट, डायक्लोफेनिक इंजेक्शन, एमोक्सीसिलिन कैप्सूल और टेबलेट, एजिथ्रोमाइसिन सहित कई जरूरी दवाएं हैं, जो रोजाना हजारों मरीज लेते हैं। मामले की पड़ता की तो पता चला कि आरएमएससीएल (राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कारपोरेशन लिमिटेड) ने सितंबर-2024 से दवा के लिए रेट कॉन्ट्रेक्ट (आरसी) ही नहीं किए, इसलिए अस्पतालों को दवाएं नहीं मिल पा रही हैं और रोजाना झगड़ों की नौबत आ रही हैं। अगर आरएमएससीएल अब भी आरसी करता है तो अप्रैल माह से पहले दवाएं नहीं मिलेगी। तब तक स्थिति और बिगड़ जाएगी।

मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना

344 दवाओं की आरसी नहीं
476 चार माह में खत्म हो जाएंगी
निरोगी राजस्थान

195 दवाओं की आरसी नहीं हुई
307 दवाएं अगले कुछ महीने में ही खत्म हो जाएंगी

1800 दवाओं में से 500 की आरसी नहीं

आरएमएससीएल प्रदेशभर के सभी अस्पतालों को 1800 तरह की दवाइयां सप्लाई करता है। इसके लिए 2000 करोड़ रुपए का बजट हाेता है। इसमें करीब 500 दवाओं की आरसी नहीं है।

एजिथ्रोमाइसिन और सिट्राजिन तो पूरे प्रदेश में खत्म

डायक्लोफेनिक इंजेक्शन- दर्द के काम आता है। अलवर में 1, बाड़मेर 1, बूंदी 15, धौलपुर 7, गंगानगर 75, हनुमानगढ़ और जैसलमेर में 0, झालावाड़ में 10, जोधपुर 400, राजसमंद 9 और टोंक में 7 इंजेक्शन बचे हैं।

सिट्राजिन- एलर्जी के काम आती है। पूरे प्रदेश में 0 है। पिछले काफी समय से सप्लाई नहीं हुई है।

एजिथ्रोमाइसिन- इंफेक्शन को रोकने के काम आने वाली दवा है। यह भी 0 है।

को-ट्राइमोक्साजोल टेबलेट आईपी ट्राइमेथोप्रीम 80 एमजी- बैक्टीरिया इंफेक्शन को कम और खत्म करने के काम आती है। यह भी 0 है।

लिसिनोप्रिल : हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करती है। अजमेर, बीकानेर, दौसा, चूरू, दौसा, कोटा और सीकर में 0 हैं। इसके अलावा अधिकांश जिलों के वेयर हाउस में भी 200 से अधिक ही बचा है।

रेनिटिडाइन टेबलेट 150 एमजी- गेस्ट्रो डिजीज में काम आने वाली दवा भी बेहद कम है। अजमेर में 0, नागौर में 1 व अन्य जगह भी काफी कम बची है।

इन दवाओं की कमी भी तय; आरएमएससीएल 400 से अधिक दवाओं के आरसी नहीं कर सका है। ऐसे में आने वाले दिनों में यह परेशानी और बढ़ना तय है। इनमें डायबिटीज, कैंसर, गेस्ट्रो सहित सभी बीमारियों की दवाएं शामिल हैं। हीमोफीलिया की रिकोम्बिनेट 8, 250 आईयू, एब्डोमिनल ड्रेन किट, एब्जोर्व सर्जिकल सूचर, एल्प्राजोलम टेबलेट, एमाक्सीसिलिन, एंटी ब्लड ग्रुप सीरम, बीपी की एटेनॉल टेबलेट, कैल्शियम विद विटामिन, कैथेटर (अलग-अलग साइज के), सेफ्ट्राजोन, सिस्पालेटिन, गायनी के लिए ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन, कफ सीरप, एंड्रोथेसल टयूब, फेरस सल्फेट विद फोलिक एसिड, कैंसर की इमाटिनिब, दांत दर्द के लिए केटरोल डीटी सहित सैकड़ों ऐसी दवाएं हैं, जिनका आरसी ही नहीं हुआ है।

आरसी की प्रक्रिया चल रही है, जल्द पूरी हो जाएगी

मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना की 344 दवाइयों व मुख्यमंत्री निरोगी राजस्थान योजना की 195 दवाइयों की आरसी की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, जो शीघ्र पूरी हो जाएगी। राजस्थान चिकित्सा सेवा निगम की मांग व आवश्यकता के अनुरूप सभी औषधि भंडार गृहों पर दवा व संसाधन निरंतर पहुुंचाना सुनिश्चित किया जा रहा है। -नेहा गिरि, एमडी, आरएमएससीएल

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Rajasthan E Khabar Webdesk

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