जयपुर में भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र (सीटू) राजस्थान राज्य कमेटी द्वारा आयोजित कामकाजी महिलाओं के राज्य स्तरीय सम्मेलन में बड़ी संख्या में महिला कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। श्रमिक एकता केंद्र, शांति नगर में आयोजित इस सम्मेलन में आंगनवाड़ी, आशा, मिड डे मील वर्कर्स, उद्योग क्षेत्र की महिलाएं और घरेलू कामगार शामिल हुईं। सीटू प्रदेश महामंत्री कामरेड वीएस राणा ने सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए महिला श्रमिकों की समस्याओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि
राजस्थान में मिड डे मील वर्कर्स को मात्र 2100 रुपए मासिक मानदेय मिलता है, जो समय पर भी नहीं मिलता। स्कूलों में बच्चों को दूध पिलाने के लिए तीन महिलाओं को केवल 500 रुपए प्रति माह दिए जाते हैं।
आंगनबाड़ी की राष्ट्रीय नेता कामरेड बिना गुप्ता और सीटू राज्य उपाध्यक्ष कामरेड सुमित्रा चोपड़ा ने महिलाओं को एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने का आह्वान किया। सम्मेलन में 1 से 8 मार्च तक विशेष अभियान चलाकर अधिक से अधिक कामकाजी महिलाओं को संगठित करने का निर्णय लिया गया। सीटू प्रदेश अध्यक्ष भंवर सिंह शेखावत ने समापन भाषण में कहा कि देश में सबसे अधिक महिला श्रम की लूट हो रही है, जिसका मुख्य कारण उनका संगठित न होना है। उन्होंने महिला कर्मचारियों से अपनी एकता मजबूत करने और शोषण के खिलाफ आवाज उठाने का आग्रह किया।