जयपुर। राजस्थान जनमंची ट्रस्ट की ओर से स्थापित एवं संचालित जयपुर बर्ड हॉस्पिटल पिछले तीस साल से लावारिस, बेसहारा, वृद्ध बीमार दुर्घटनाग्रस्त अपंग पक्षियों का नि:शुल्क उपचार कर रहा है। पिछले एक हफ्ते में ही लगभग 900 पक्षी इस केंद्र पर सेवा के लिए लाए गए हैं। मालवीय नगर के कैलगिरी रोड पर स्थित पक्षी चिकित्सालय में लावारिस पक्षियों के लिए इलाज, दवाइयां, भोजन, आवास, फूड सप्लीमेंट जैसी सभी सुविधाएं पूरी तरह नि:शुल्क हैं। जनवरी में पतंग डोर के सीजन में तो प्रतिदिन यहां कई सौ घायल पक्षी आते हैं। इसके अलावा जानवरों का शिकार, बिजली का करंट ऊंची आधुनिक इमारतें, सामान्य मौसम छत पर लगे हुए पंखे के कारण बारहमासी यहां पक्षियों को सेवाभावी लोग और संस्थाएं लाते हैं। बिना किसी फीस बिना किसी शुल्क के सभी पक्षियों का यहां इलाज आश्रय देने के के बाद ठीक होने पर उन्हें उड़ा दिया जाता है। राजस्थान जैन मंची ट्रस्ट नाम की सामाजिक संस्था की ओर से संचालित इस पक्षी चिकित्सालय में बड़े आकार के 18 वार्ड है, जिनके अंदर विशालकाय वृक्ष भी हैं। इसके अतिरिक्त 15 छोटे वार्ड है।
बीमारी और पक्षी को उनकी प्रजाति के अनुसार अलग-अलग रखने की व्यवस्था है। इस पक्षी चिकित्सालय की स्थापना 30 वर्ष पूर्व संस्थापक कमल लोचन द्वारा की गई थी। आज इसमें 200 से अधिक वालंटियर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। विशेषज्ञ पशु चिकित्सा, पशु चिकित्सा कंपाउंडर के साथ-साथ सेवाभावी लोगों की टीम इसका संचालन करती है। मैनेजमेंट के लिए हर तीन वर्ष में कार्यकारिणी का गठन किया जाता है। प्रतिष्ठित समाजसेवी डी आर मेहता, भगवान गट्टानी, कमल लोचन और अभय नाहर आदि वर्तमान पदाधिकारी है। डॉ. मनोज शर्मा और वेटरनरी टीम सदस्य के नेतृत्व में 13 से 15 जनवरी तक 40 अलग-अलग स्थान पर घायल पक्षियों के संकलन और प्राथमिक उपचार के लिए कैंप लगाए गए।