जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर राजधानी में दो नगर निगम बनने का फायदा जनता को कम ही मिलता दिख रहा है। स्थिति यह है कि साधारण सभा की बैठकों में जो प्रस्ताव पारित हुए, उनमें से एक दो को अगर छोड़ दें तो, ज्यादातर पर अमल ही नहीं हुआ। साधारण सभा राजनीति का अखाड़ा बनकर रह गई। कार्यकाल के अंतिम वर्ष में पार्षदों को विकास की चिंता सता रही है। पार्षदों को लग रहा है कि इस बार अच्छा खासा बजट मिल जाए तो चुनाव से पहले विकास की सड़क बिछ दें। ताकि, इस सड़क पर चलकर वोट मांगे जा सके। हैरिटेज नगर निगम का तो और बुरा हाल है। निगम ने चार साल के बोर्ड में दो बार ही बोर्ड बैठक हुई। इनमें निगम क्षेत्र को सीसीटीवी कैमरे से लैस करने की घोषणा की गई थी। घोषणा के बाद हैरिटेज सरकार एक कदम भी नहीं चली। हालांकि, कुछ बाजारों में सीसीटीवी जरूर लगवाए गए।
ये योजनाएं धरातल पर उतरें तो होगी वाह-वाही
ग्रेटर निगम में सातवीं बैठक में पार्षदों के प्रस्तावों पर चर्चा हुई। मिलेगा किस वार्ड को क्या, इसका किसी को कुछ पता नहीं है। इसके अलावा महापुरुषों की मूर्तियां लगाने के प्रस्ताव पारित हुए हैं। वहीं, यूएलबी क्लब, स्पोर्ट्स एकेडमी, चिल्ड्रन पार्क, सीनियर सिटीजन के लिए अटल उद्यान बनाने की जैसी घोषणाएं शामिल हैं। इससे पहले महाविद्यालय, कोचिंग हब और एजुकेशन हब के आस-पास जमीन चिन्हित कर ई-लाइब्रेरी का निर्माण कराया जाएगा। सामुदायिक केंद्रों को आधुनिक बनाने से लेकर निगम मुयालय में दो मंजिला भूमिगत पार्किंग का निर्माण करने की घोषणा की गई थी, लेकिन जनहित की इन योजनाओं में से किसी पर भी काम नहीं हुआ।
सियासत में अटकी लाइब्रेरी
झोटवाड़ा जोन के वार्ड 62 में पार्षद विजेंद्र सैनी की अनुशंषा पर महात्मा गांधी नगर में लाइब्रेरी बनाने का काम शुरू हुआ। इसमें निगम ने करीब 10.50 लाख रुपए भी खर्च कर दिए। पिछले 10 माह से काम बंद है। पिछले 10 माह से पार्षद निगम मुयालय के कई चक्कर लगा चुके, लेकिन काम चालू नहीं हुआ। उनका कहना है कि सरकार बदलने के बाद काम बंद करवा दिया। उनका कहना है कि भाजपा के कुछ नेता नहीं चाहते कि लाइब्रेरी का काम पूरा हो।