जयपुर न्यूज़ डेस्क, हरिदेव जोशी पत्रकारिता यूनिवर्सिटी में गलत तरीके से नौकरी हासिल करने के मामले में यूनिवर्सिटी प्रशाशन ने बड़ी कार्रवाई की है। उच्च शिक्षा विभाग से मिली अनुमति के बाद यूनिवर्सिटी के कुलसचिव भंवरलाल मेहरड़ा ने यूनिवर्सिटी के अधिनियम 2019 की धारा 13 के तहत आदेश जारी कर एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत मनोज कुमार लोढ़ा को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके साथ ही यूनिवर्सिटी प्रशासन ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का फैसला किया है।
दरअसल, मनोज कुमार लोढ़ा की नियुक्ति 2013 में हुई थी। उस समय सनी सेबेस्टियन वीसी थे। लोढ़ा ने अपने आवेदन में 4 साल 8 माह का शिक्षण अनुभव बताया था। जबकि यूजीसी नियमों के अनुसार 8 साल होना चाहिए था। इसके साथ ही लोढ़ा ने 2003 में अमरीका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक छात्र को पीएचडी कराने का दावा किया था। जबकि उनकी खुद की पीएचडी 2006 में हुई थी।इस पूरे मामले की शिकायत होने पर तत्कालीन वीसी ओम थानवी की ओर से करवाई गई प्रारंभिक जांच में लोढ़ा को दोषी पाया गया। इसके बाद दूसरी यूनिवर्सिटी के 3 प्रोफेसरों की कमेटी और प्रबंध बोर्ड के 2 सदस्यों की कमेटी ने भी जांच में लोढ़ा की नियुक्ति को गलत माना था। जिसके बाद प्रबंध बोर्ड ने भी साल 2022 में लोढ़ा को बर्खास्त करने का निर्णय ले लिया था। लेकिन पिछले 2 साल में लोढ़ा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इसकी बजाय बेवजह जांच के लिए अपनाई गई प्रक्रिया पर विधि विभाग से कानूनी सलाह तक मांगी गई। इसका जवाब भी पिछले साल 9 फरवरी को मिल गया। उच्च शिक्षा विभाग ने इसमें लिखा कि इस प्रकरण में विधि विभाग की राय की जरूरत नहीं है, विश्वविद्यालय द्वारा ही निर्णय लिया जाना है।इसके बाद भजनलाल सरकार ने हरिदेव जोशी पत्रकारिता यूनिवर्सिटी में धोखाधड़ी कर नौकरी हथियाने वाले एसोसिएट प्रोफेसर मनोज कुमार लोढ़ा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के लिए कहा। जिसपर उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव डॉ. हरिशंकर मेवाड़ा की ओर से यूनिवरिस्टी के रजिस्ट्रार को पत्र भेज लोढ़ा को सस्पेंड करते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के आदेश दिए गए है। विभाग ने यह पत्र मामला मुख्यमंत्री कार्यालय के जानकारी में आने के बाद लिखा है।