जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर बहराेड़ से पूर्व विधायक बलजीत यादव के 10 ठिकानाें पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार सुबह एकसाथ छापेमारी की। ईडी टीमाें ने जयपुर, अलवर और दौसा में छापेमारी की है। ईडी की कार्रवाई का केंद्र जयपुर रहा। यहां करीब आधा दर्जन से अधिक ठिकानों पर कार्रवाई की गई। टीम देर रात तक अजमेर रोड स्थित ज्ञान विहार कॉलोनी के घर पर पड़ताल में जुटी रही। यादव के माेबाइल और अन्य इलेक्ट्राॅनिक उपकरणाें की भी जांच की जा रही है। माेबाइल कॉल डिटेल्स खंगाला जा रहा है।गाैरतलब है कि बलजीत यादव के खिलाफ सरकारी स्कूलों में विधायक कोष से सामान आपूर्ति में 3.72 करोड़ रु. के घोटाले की शिकायत है। मामले में एमएलए कोष का दुरुपयोग कर नियमानुसार जो अनुमति लेनी थी, वह नहीं ली गई। टेंडर देने वाली फर्मों ने फर्जी डॉक्यूमेंट पर सामान की सप्लाई की।
पूर्व विधायक के करीबी के घर भी पहुंची ईडी टीम
ईडी की एक टीम 2 गाड़ियों में सिकंदरा थाना क्षेत्र के छोकरवाड़ा गांव में सीताराम के मकान पर भी पहुंची। दोनों गाड़ियों में 6 अधिकारी और 5 पुलिसकर्मी थे। टीम ने आते ही जांच शुरू कर दी। बताया जा रहा है कि सीताराम पूर्व विधायक बलजीत यादव के करीबी रहे हैं। विधायक रहते मुहिम चलाई थी…‘भ्रष्टाचारी पकड़वाओ, 51 हजार रुपए इनाम पाओ’पूर्व निर्दलीय विधायक बलजीत (2018-2023)बेराेजगारी और भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन करते रहे हैं। पिछली गहलाेत सरकार काे उन्हाेंने समर्थन दे रखा था, लेकिन बेरोजगारी के मुद्दे पर जयपुर के सेंट्रल पार्क में दिनभर दौड़ लगाकर सभी का ध्यान आकर्षित किया था।
एमएलए रहते हुए एसडीएम के साथ विवाद और वीडियाे सुर्खियाें में रहा। विधायक रहते हुए क्षेत्र में ‘भ्रष्टाचारी पकड़वाओ- 51 हजार इनाम पाओ’ की मुहिम चलाई थी।
विधायक कोष से ढाई गुना ज्यादा में क्रिकेट-बैडमिंटन किट की खरीद
साल 2022-23 में बहरोड़ क्षेत्र में बलजीत यादव और उसके सहयोगियों की कंपनियों ने विधायक कोष से क्रिकेट-बैडमिंटन किट की खरीद की थी। आरोप है कि विधायक फंड में हेरफेर कर 2.50 गुना अधिक मूल्य पर खरीदी कर सरकार को नुकसान पहुंचाया गया। इसमें कुल 32 स्कूलों को सामान दिया गया था। प्रत्येक स्कूल के लिए 9 लाख का खेल सामान खरीदा गया था। जो क्रिकेट बैट खरीदे गए उसकी कीमत भी 15600 तक बताई गई थी।ज्यादातर सरकारी स्कूलों को 50-50 बैट दिए गए। इस घोटाले में पहले एसीबी की ओर से मामला दर्ज किया गया था। इसमें पूर्व विधायक बलजीत यादव और 8 अधिकारी- कर्मचारियों की मिलीभगत का आरोप था।