जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुररामेश्वरम व मंडपम के बीच समुद्र पर देश का पहला वर्टिकल पांबन रेलवे ब्रिज बनकर तैयार हो गया है। देश का यह पहला ब्रिज होगा जो बड़ी शिप आने पर सायरन बजने के बाद मात्र साढ़े 5 मिनट में 17 मीटर (लगभग 60 फीट) ऊंचा हो जाएगा। इससे बड़े मालवाहक जहाज भी ब्रिज के नीचे से आसानी से गुजर सकेंगे। रेलवे ने मीडिया के सामने पहली बार इसका ट्रायल किया।सायरन (हूटर) बजते ही 660 मैट्रिक टन वजनी ब्रिज का 50 फीट लंबा हिस्सा ट्रैक के साथ देखते ही देखते 55 से 60 फीट ऊंचा लिफ्ट हो गया। ट्रायल देख रही देश की मीडिया का भी किसी रेल ट्रैक का 17 मीटर तक की ऊंचाई पर लिफ्ट होना पहला अनुभव था। करीब 531 करोड़ की लागत से निर्मित यह नया वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज 2.10 किमी लंबा है। फिलहाल इसकी सेफ्टी जांचने का काम चल रहा है। इस काम के पूरा होते ही पीएम नरेंद्र मोदी नए पांबन ब्रिज का लोकार्पण कर इसे देश को समर्पित करेंगे।
मीटर गेज से ब्रॉडगेज, इलेक्ट्रिक ट्रैक, 70 स्पीड से ब्रिज से गुजरेगी ट्रेन
पुराने पांबन ब्रिज पर ब्रॉडगेज लाइन से ट्रेन 10-20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ही गुजरती थी। अब नए पांबन ब्रिज के इलेक्ट्रिक ट्रैक पर 75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ सकेंगी। पुराने पांबन ब्रिज के नीचे से शिप गुजरने के दौरान यह ब्रिज 90 डिग्री के कोण पर ऊपर की ओर खुलता था। 2019 में इसके क्षतिग्रस्त होने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी व रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नया वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज बनाने की स्वीकृति दे दी थी। दिसंबर 2020 से ट्रेनों का संचालन बंद होने से रामेश्वरम की सीधी कनेक्टिविटी नहीं है। इसके कारण यात्रियों को रामेश्वरम से 21 किमी पहले ही मंडपम स्टेशन उतरना पड़ रहा है।
111 साल पुराना इतिहास है पांबन ब्रिज का
पांबन ब्रिज ऐतिहासिक महत्व रखता है क्योंकि यह भारत में समुद्र पर बना पहला पुल था। सन 1870 के दशक में जब ब्रिटिश सरकार ने श्रीलंका तक व्यापार के प्रयास के साथ ही इसके निर्माण के प्रयास शुरू हो गए थे। तब लगभग 2.2 किलोमीटर लंबे और 143 खंभों वाले इस पुल को 1914 में शुरू किया गया था।
1988 तक रामेश्वरम के लिए अकेला सेतु था
खाड़ी पर निर्मित देश का सबसे लंबा पुल माना जाने वाला पांबन रेल पुल 1988 तक रामेश्वरम और मुख्य भूमि के बीच एकमात्र संपर्क हुआ करता था। इसके बाद इसके समानांतर एक सड़क पुल का निर्माण किया गया।
पांबन ब्रिज एक नजर में
मीटर गेज लाइन- 24 अप्रैल 1914
ब्रॉडगेज लाइन- 12 अगस्त 2007
नए ब्रिज की स्वीकृति- फरवरी 2019
बनकर कर तैयार ब्रिज- नवंबर 2024
कुल लागत नए ब्रिज की- 531 करोड़
समुद्र तल की गहराई- 38 मीटर
लिफ्ट होने वाले ब्रिज का वजन- 660 मैट्रिक टन
लिफ्ट, ट्रैक व टॉवर का कुल वजन- 1470 मैट्रिक टन
टॉवर की हाइट- 34 मीटर
ट्रैक की अधिकृत स्पीड- 75 किमी प्रति घंटा
कुल लिफ्टिंग टाइम- 5 मिनट 30 सेकेंड
उत्तर पश्चिम रेलवे के सीपीआरओ शशिकिरण ने बताया- देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट वाला ब्रिज बनकर तैयार हो गया है। बड़ा जहाज या तीन फ्लोर की शिप पांबन ब्रिज के नीचे से गुजरेगी तो यह ब्रिज 17 मीटर की ऊंचाई तक लिफ्ट हो जाएगा। अभी इसके संरक्षा जांची जा रही है। जल्द ही पीएम नरेंद्र मोदी इसका लोकार्पण करेंगे।