जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में आयोजित यजन-2025 कार्यक्रम के तहत नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ हुआ। तीन पारियों में हुए यज्ञ में गायत्री एवं महामृत्युंजय महामंत्र के जाप के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने आहुतियां दीं। महंत अंजन गोस्वामी के सान्निध्य में शांतिकुंज, हरिद्वार स्थित गायत्री परिवार के विद्वानों के दल ने यज्ञ संपन्न करवाया।इससे पूर्व गुरु वंदना के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। वेदमाता-देवमाता-विश्व माता गायत्री गोविंद देवजी और गुरु सत्ता का सोडशोपचार पूजन किया गया।
मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने ठाकुरजी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर यज्ञ की शुरुआत की। यज्ञ की पूर्णाहुति पर एक बुराई छोड़ने और एक अच्छाई ग्रहण करने का संकल्प दिलाया गया। वहीं, 26 जनवरी की सुबह नौ बजे से नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ होगा। श्रद्धालुओं को स्वाध्याय के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से अखंड ज्योति व युग निर्माण योजना सहित अन्य प्रेरक पुस्तकें भेंट की गई।
मन का आंगन बुहारेंगे तो दौड़े आएंगे भगवान
आचार्य पीठ से दिनेश आचार्य ने ‘हमने आंगन नहीं बुहारा कैसे आएंगे भगवान…’ प्रज्ञागीत की प्रस्तुति दी। इसका अर्थ बताते हुए उन्होंने कहा कि जब तक हम मन रूपी आंगन को नहीं साफ करेंगे तब तक भगवान हमारे यहां नहीं आ सकते। मन में जो भी दोष, दुर्गुण व दुर्भावनाएं हैं सभी को निकाल देने पर भगवान हमारे मन में प्रकट होंगे। साथ ही दौड़े हुए आएंगे। मणिशंकर चौधरी ने कहा कि गायत्री मंत्र सद्बुद्धि का मंत्र है और यज्ञ सत्कर्म का प्रतीक है। शास्त्र में कहा गया है भारतीय संस्कृति के दो निर्माता हैं यज्ञ पिता और गायत्री माता है।