जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर प्रदेश में 15 साल से बंद पड़ा नर्सरी टीचर्स ट्रेनिंग (एनटीटी) कोर्स फिर से शुरू होगा। सरकार ने इसकी तैयारी प्रारंभ कर दी है। प्रदेश के सभी 34 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डाइट) में यह कोर्स शुरू होगा। इसके लिए वहां आधारभूत सुविधाएं और पर्याप्त संख्या में शिक्षक जरूरी होंगे।सरकार के निर्देश के बाद प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने डाइट से इस संबंध में जानकारी मांगी है। प्रत्येक डाइट में एनटीटी की 50 सीटें होंगी। यह कोर्स अब नए नाम से शुुरू किया जाएगा। इस कोर्स का नया नाम डिप्लोमा इन प्री स्कूल एजुकेशन (डीपीएसई) होगा। नई शिक्षा नीति में प्री प्राइमरी कक्षाओं का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में अंग्रेजी माध्यम के महात्मा गांधी राजकीय स्कूल और पीएम श्री स्कूलों में प्री प्राइमरी कक्षाओं का संचालन भी प्रारंभ हो गया है। इन स्कूलों में प्री प्राइमरी के लिए पर्याप्त संख्या में शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं। इन शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए सरकार ने एनटीटी पाठ्यक्रम (नया नाम डीपीएसई) को प्रारंभ करने की तैयारी शुरू की है।
जिस डाइट के पास संसाधन पूरे, उन्हें पहले मिलेगी मंजूरी
प्रदेश में अभी 34 डाइट हैं। इनमें से जिस डाइट में संसाधन पूरे होंगे, पहले वहां यह कोर्स प्रारंभ हो सकता है। सभी संसाधन वाले डाइट की तरफ से एनसीटीई को कोर्स शुरू करने के लिए आवेदन करना होगा। फिर एनसीटीई की टीम डाइट का दौरा करेगी। यह टीम भवन और शिक्षकों की पर्याप्त उपलब्धता सहित अन्य मापदंडों की जांच करेगी। जांच के बाद ही एनसीटीई इस कोर्स को प्रारंभ करने की अनुमति जारी करेगी।
402 पीएम श्री स्कूलों में भी प्री प्राइमरी शिक्षक नहीं हैं
प्रदेश में पहले चरण में 402 पीएम श्री स्कूलों का चयन किया गया है। पिछले साल नवंबर में इन स्कूलों में 3 साल की प्री प्राइमरी कक्षाओं के संचालन की अनुमति दी गई थी। यहां फिलहाल इन कक्षाओं के लिए कोई शिक्षक उपलब्ध नहीं है। इसी तरह से करीब एक हजार महात्मा गांधी स्कूलों में भी प्री प्राइमरी कक्षाएं शुरू की गई थीं। इन स्कूलों के लिए महिला बाल विकास विभाग में कार्यरत एनटीटी शिक्षकों को शिक्षा विभाग में मर्ज कर इन स्कूलों में पोस्टिंग दी गई। फिर भी कई स्कूलों में अब भी प्री प्राइमरी शिक्षक नहीं हैं।
ग्रेड थर्ड शिक्षकों के लिए एनटीटी डिग्री जरूरी थी
वर्ष 2006 से पहले तृतीय श्रेणी शिक्षकों के लिए एनटीटी डिग्री जरूरी थी। 2010 में एनटीटी कोर्स को तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए अमान्य कर दिया था। इसके बाद राज्य सरकार ने भी एनटीटी कोर्स कराने वाले संस्थानों की मान्यता वापस ले ली थी। अभ्यर्थियों ने आंदोलन किया। सरकार ने आंगनबाडि़यों में प्री प्राइमरी शिक्षकों का पद सृजित कर भर्ती निकाली थी। अब ये शिक्षक महिला बाल विकास से शिक्षा विभाग में समायोजित हुए हैं।