जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर राजधानी की आबोहवा कितनी खराब है, इसकी निगरानी अब पुता हो सकेगी। इसके लिए शहर में चार नए सतत परिवेशीय वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली (सीएएक्यूएमएस) केन्द्र बनेंगे। लोगों को वायु प्रदूषण की जानकारी मिले, इसके लिए 8 जगहों पर डिस्प्ले बोर्ड भी लगाए जाएंगे। राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने वायु गुणवत्ता निगरानी केन्द्र बनाने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। ये केन्द्र बनने के साथ ही शहर में वायु गुणवत्ता निगरानी केन्द्रों की संया 10 हो जाएगी। इससे वायु गुणवत्ता सूचकांक की मॉनिटरिंग बेहतर होगी, वहीं वायु प्रदूषण की सटीक जानकारी मिल सकेगी और उसकी रोकथाम को लेकर प्रभावी कार्रवाई हो सकेगी। शहर के हर क्षेत्र के वायु प्रदूषण का आकलन भी हो सकेगा।
एक केन्द्र पर एक से 2 करोड़ खर्च
मंडल अफसरों की मानें तो एक वायु गुणवत्ता निगरानी केन्द्र पर करीब एक से दो करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसमें केन्द्र के लिए कए केबिन तैयार होगी। इसके अलावा सेंसर आदि लगाए जाएंगे। साथ ही 15 फीट की दूरी पर एक डिस्प्ले बोर्ड भी लगाया जाएगा। हर केन्द्र पर उस क्षेत्र में एक-एक अतिरिक्त डिस्प्ले बोर्ड भी लगाया जाएगा।
जलमहल
झोटवाड़ा
जगतपुरा
महल योजना स्थित अपैरल पार्क
ये जगह भी चिह्नित
परकोटा क्षेत्र, वैशाली नगर, सेन्ट्रल पार्क, आमेर, मालवीय नगर व सांगानेर
पांच किमी के दायरे में प्रभावी
वायु गुणवत्ता निगरानी केन्द्र से उसके आसपास के करीब 2 से 5 किलोमीटर क्षेत्र के वायु गुणवत्ता व प्रदूषण का पता चलता है। शहर में जितने केन्द्र अधिक होंगे, उतनी ही वायु गुणवत्ता को लेकर सटीक जानकारी मिल सकेगी। वहीं उस क्षेत्र के वायु प्रदूषण के कारकों का भी पता चल सकेगा। इससे वायु प्रदूषण के कारकों पर नियंत्रण के लिए प्रभावी कार्रवाई होगी तो वायु गुणवत्ता को बेहतर करने की दिशा में काम हो सकेगा। -डॉ. विजय सिंघल, पूर्व मुुय अभियंता, राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल
कमिश्नरेट पर लगा एक्यूआइ दर्शाता बोर्ड।
जयपुर के अलावा कोटा, उदयपुर, अलवर, डीग, ब्यावर, बालोतरा, कोटपूतली, बहरोड़, खैरथल और फलौदी में भी वायु गुणवत्ता निगरानी केन्द्र बनाए जाएंगे। इनमें सबसे अधिक जयपुर में 2 केन्द्र होंगे। बाकी जगहों पर एक-एक केन्द्र बनाए जाएंगे। इन केन्द्रों से राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) में भी सहयोग मिलेगा, जिसका उद्देश्य वायु प्रदूषण को कम करना है। प्रदेश में जयपुर के अलावा कोटा व अलवर शहर भी शामिल हैं।