जालोर न्यूज़ डेस्क, जालोर कभी शहरवासियों की हलक तर करने वाला ऐतिहासिक जाकोब तालाब में शहर का गंदा पानी पहुंच रहा है। गंदे पानी से तालाब का पानी भी दूषित हो रहा है। इसके अलावा तालाब में लोग कचरा भी डाल रहे है। ऐसे में तालाब के पानी से अजीब-सी दुर्गन्ध फैल रही है। हैरानी की बात तो यह है कि शहर के नालियों का गंदा पानी पहुंचने से तालाब के पानी रंग भी बदल गया है। ऐसे में तालाब के आस-पास बस्ती के लोगों का जीना दुश्वार हो रहा है। जाकोब तालाब शहर का ऐतिहासिक तालाब है। तालाब की पाळ पर नीमगोरिया क्षेत्रपाल, महादेव मंदिर शनिदेव, दादेली बावड़ी व श्रीमाली ब्राह्मण समाज की बगेची सहित कई मंदिर स्थित है। एक समय में यह तालाब शहरवासियों की प्यास बुझाता था, लेकिन प्रशासन की उदासीनता से यह अपनी आभा खो रहा है। 2015 में भामाशाह कोठारी व नाहर परिवार ने तालाब का जिर्णाद्वार करवाया था। जिसके तहत तालाब को गहरा कर तालाब के पाळ की पिचिंग करवाई थी।
श्रद्धालुओं का घुटता रहता है दम : जाकोब तालाब पर शहर का नीमगोरिया क्षेेत्रपाल मंदिर भी है। मंदिर में हर माह के शुक्ल पक्ष में बड़ी संया में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते है, लेकिन बदबू से परेशानी होती है। यहां के लोगों ने कई बार नगरपालिका प्रशासन को इस समस्या से अवगत करवाया, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। पालिका प्रशासन तालाब में महज फिटकरी डालकर सफाई के नाम पर इतिश्री कर दी।
नगरपालिका ने स्थापित की जिपलाइन
पालिका प्रशासन ने तालाब पर मनोरंजन को बढ़ावा देने के लिए यहां 2022 में 15 लाख की लागत से जिपलाइन स्थापित की। लेकिन तालाब की बदहाल स्थिति के चलते लोग तालाब के आस-पास गुजरने से भी कतराते है। आस-पास बस्ती में निवास करने वाले लोगों का कहना है कि तालाब में ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर पानी को साफ किया जाए, तो राहत मिल सकती है।
श्रद्धालुओं को होती है परेशानी
तालाब के आस-पास कई मंदिर स्थित है। यहां पर हर माह बड़ी संया में श्रद्धालु पहुंचते है। तालाब से उठ रही दुर्गन्ध से श्रद्धालुओं की आस्था को भी ठेस पहुंचती है।