जालोर न्यूज़ डेस्क, जालोर तीर्थंकर महावीर स्वामी की विचरण भूमि सांचौर में खरतरगच्छाधिपति आचार्य जिनमणिप्रभसूरीश्वर एवं उनकी आज्ञानुवर्तिनी बहन डॉ. विधुतप्रभा आदि ठाणा के पावन निश्रा में 11 दीक्षार्थियों का वर्षीदान वरघोड़ा निकाला गया। मुमुक्षु परिवार के गौतम बोथरा ने बताया कि सांसारिक मोह माया को त्याग संयम पथ अंगीकार करने जा रही दिक्षार्थी साक्षी सिंघवी का वरघोडा निवास स्थान महावीर कॉलोनी जैन दादावाड़ी से बुधवार को प्रात: 9.30 बजे खरतरगच्छ आचार्य मणिप्रभ सूरीश्वर के मांगलिक के साथ रवाना हुआ। जो शहर के मुय मार्गो से होता हुआ गाजते बाजते कुंथुनाथ मंदिर पहुंचा।
जहां आचार्य मणिप्रभ सूरीश्वर , डॉ. विद्युत प्रभा सहित कई साधु साध्वी का सोमैया जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ की पेढ़ी द्वारा किया गया। फिर मुय बाजार होते हुए वर्षीदान वरघोड़ा आराधना भवन पहुंचा। जहां उसके बाद वरघोडा धर्मसभा में परिवर्तित हो गया। बाड़मेर समाज संस्थान के केवल चंद बोहरा ने बताया कि सबसे आगे जैन ध्वज लिए युवा, बैण्ड की सुमधुर धुन के साथ ,ढोल वादक , आचार्य महाराज व साधु भगवंत, प्रभु का रथ, साध्वी मण्डल, श्रावक वर्ग, महिलाओं के साथ वरघोडे में सभी मुमुक्षु रथ पर सवार होकर वर्षीदान कर रहे थे। खरतर गच्छ महिला परिषद की मीना माल ने बताया सभी श्रद्धालुगण दीक्षार्थी अमर रहे के जयघोष से उसका अभिवादन कर रहे थे। रास्ते में जगह-जगह चावल की गहुंली केे साथ लोगों ने पुष्पों की वर्षा कर वरघोड़े व साधु साध्वी भगवंतो का स्वागत किया। प्रकाश छाजेड़ ने बताया कि इस अवसर पर आचार्य मणिप्रभ सूरिश्वर ने कहा कि सांचौर का सौभाग्य है कि यहां की धर्मभूमि से कई लोगों ने संयम जीवन अपनाया है। डॉ. विधुतप्रभा ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मनुष्य जीवन मोक्ष का प्रवेश द्वार है। जिसके लिए श्रावक श्राविकाओं को संयम ग्रहण करना आवश्यक है। दीक्षार्थी साक्षी सिंघवी ने कहा कि वो आभारी है अपने परिवार जनों की, जिन्होंने उसे संयम पथ पर जाने की अनुमति प्रदान की। इस अवसर पर जैन श्वेताबर मूर्तिपूजक संघ की पेढ़ी की ओर से मुमुक्षुओ का तिलक, माला, चुनड़ी, श्रीफल से अभिनन्दन किया गया । आस-पास से कई क्षेत्रो से श्रद्वालुओं ने वरघोडे मे भाग लिया।