झुंझुनू न्यूज़ डेस्क – जिले के किसानों के लिए राहत की खबर है। जिला मुख्यालय पर पहली बार फसलों और बगीचों के लिए एग्रो क्लीनिक बनेगा। कृषि विभाग ने शुरुआती चरण में 20 जिलों में बनने वाले एग्रो क्लीनिक के लिए स्थान चयन करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।आमतौर पर फसलों में कीट और बीमारियों के कारण अक्सर किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। फिलहाल यह सुविधा सिर्फ जयपुर और जोधपुर जिले में ही है। जिला मुख्यालय पर यह सुविधा शुरू होने से यहां के हजारों किसान समय पर फसलों में संक्रमण और कीट व्याधियों की जांच करवा सकेंगे।
अंधाधुंध छिड़काव पर लगेगी लगाम
राज्य के कृषि विश्वविद्यालयों में विषय विशेषज्ञों की सुविधा तो है, लेकिन जिला स्तर पर किसान इन सुविधाओं का लाभ नहीं उठा पाते हैं। ऐसे में अधिकांश किसान अंधाधुंध तरीके से खाद और कीटनाशकों का उपयोग करते हैं। जिससे किसान को फायदा होने के साथ ही आमजन के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचने लगता है। ऐसे में कृषि आयुक्तालय ने जिला स्तर पर विशेषज्ञों की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एग्री क्लीनिक खोलने की कवायद शुरू की है। इसके लिए पौध रोग एवं कृषि अनुसंधान अधिकारी कीट के पदों को मंजूरी दे दी गई है।
11 लाख रुपए आएगी लागत
एग्रो क्लीनिक पर करीब 11 लाख रुपए की लागत आएगी। क्लीनिक में विशेषज्ञ स्टाफ भी तैनात किया जाएगा। सब कुछ ठीक रहा तो इसी वित्तीय वर्ष में किसानों को यह जांच सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। दूसरे चरण में इस सुविधा से वंचित जिलों में कृषि विभाग की ओर से यह जांच सुविधा शुरू की जाएगी।
यहां खुलेंगे एग्रो क्लीनिक
झुंझुनूं के अलावा चूरू, सीकर, जयपुर, अजमेर, अलवर, भीलवाड़ा, धौलपुर, दौसा, टोंक, बीकानेर, पाली, उदयपुर, हनुमानगढ़, भरतपुर, सवाई माधोपुर, करौली, जोधपुर, कोटा और श्रीगंगानगर में एग्रो क्लीनिक खोले जाएंगे।