जोधपुर न्यूज़ डेस्क, जोधपुर प्रदेश में इस साल 25 से अधिक जगहों पर देश की आजादी में योगदान देने वाले योद्धाओं-महापुरुषों के स्मारक बनाए जाएंगे। मुगल आक्रांता अकबर से 20 सालों तक लड़ने वाले चंद्रसेन का जोधपुर में स्मारक (पैनोरमा) भी बनाया जाएगा। इस पर 4 करोड़ रुपए खर्च होंगे। स्मारक के लिए स्थान का चयन भी जल्द होगा। यह बात राजस्थान धरोहर प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकारसिंह लखावत ने से बातचीत में कही। वे एक दिन के प्रवास पर जोधपुर में थे।
जोधपुर संभाग पर उन्होंने कहा कि नागौर में मीराबाई, तेजाजी महाराज, अमरसिंह राठौड़ व जांभोजी पर राजस्थान धरोहर प्राधिकरण ने काम किया है। इन सभी के इतिहास और इनको इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल दृष्टि से जोड़ने के लिए भी प्रयास किया जा रहा है। 1857 की क्रांति पर हिंदुस्तान का सबसे विशाल पैनोरमा आऊवा में बनाया गया। मुख्यमंत्री ने घोषणा की 1857 में जिन-जिन क्रांतिकारी ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी, उन गांव के नामकरण स्वतंत्र गांव के नाम से करेंगे। प्रत्येक गांव में 1 करोड़ लागत का स्मारक बनाएंगे। इसमें उस योद्धा के इतिहास और उसकी वीरता के बारे में बताया जाएगा। शुरुआत के पहले चरण में शिवनाथ सिंहजी का पैनोरमा बनाने जा रहे हैं। अजीत सिंह आलनियावास, ज्योत सिंह कोठारिया सहित 4 गांवों में प्रथम चरण में उनके स्मारक बनाए जाएंगे जिनमें इन सभी की वीरता और उनके देश की आजादी और अंग्रेजों की लड़ाई को लेकर दिए गए योगदान के बारे में बताया जाएगा।
बायतू में खेमा बाबा का पैनोरमा बनेगा
लखावत ने बताया कि बायतु में खेमा बाबा का पैनोरमा बनाया जाएगा। इसके अलावा भक्त इशरदास का स्मारक भी बनाया जाएगा। भादरेश में 3 करोड़ की लागत से पैनोरमा बनाया जाएगा। इसके अलावा जालौर में कान्हड़ देव, तनोट में भी विश्वस्तर का पर्यटन केंद्र बने इसे लेकर प्रयास किया जा रहा है। महाराणा प्रताप सर्किट पर काम किया जा रहा है। इसके तहत वह सभी स्थान जो महाराणा प्रताप से जुड़े हुए हैं उनको विकसित किया जाएगा। ये हिंदुस्तान का पहला ऐसा सर्किट होगा जो महाराणा प्रताप के ऊपर होने वाला है। इसके अलावा ब्रिज 84 कोस परिक्रमा के तहत भगवान कृष्ण से जुड़े स्थानों का विकास किया जाएगा। युवाओं को सीख देते हुए कहा कि महाराणा प्रताप, अमरसिंह राठौड़, मीराबाई के भक्ति के पदों को युवा पीढ़ी पढ़े आैर जाने।