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Rajasthan News: Kota मिर्गी लाइलाज नहीं, मरीज को सामान्य रहने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिए

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कोटा न्यूज़ डेस्क, कोटा मिर्गी एक ऐसी बीमारी है, जिसे आमतौर पर लाइलाज समझा जाता है, लेकिन यह पूरी तरह गलत धारणा है। मिर्गी का उचित इलाज संभव है। समय पर इलाज और सही जीवनशैली अपनाने से मिर्गी रोगियों का जीवन सामान्य रह सकता है। मिर्गी को लेकर समाज में व्याप्त भ्रांतियों को दूर करना बेहद जरूरी है, ताकि लोग समय पर इलाज करवा सकें और बिना डर के खुशहाल जीवन जी सकें। मिर्गी रोग के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल 10 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मिर्गी दिवस मनाया जाता है। कोटा मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ न्यूरो फिजिशियन डॉ. विजय सरदाना बताते हैं कि मिर्गी रोग एक न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जिसमें बार-बार दौरे पड़ते हैं। वैसे तो दवा ही मिर्गी का प्राथमिक उपचार है, लेकिन दौरों के नियंत्रण के लिए स्वस्थ जीवनशैली भी महत्त्वपूर्ण है। हर शहर में जनसंया के आधार पर 1 से 1.5 प्रतिशत लोग मिर्गी से प्रभावित होते हैं।

कोटा जिले की वर्तमान में अनुमानित जनसंया 24 लाख 64 हजार है। इसमें से करीब 50 हजार मिर्गी रोगी हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में 7 करोड़ लोग मिर्गी रोग से प्रभावित हैं। देश में 1.20 करोड़ मिर्गी मरीजों की संया है। 25 फीसदी मिर्गी के मामलों को जागरूकता, सही समय पर उपचार से रोका जा सकता है। खासकर महिलाएं इस बीमारी के इलाज से बचती हैं, क्योंकि इसे कई बार ऊपरी बाधाओं से जोड़ दिया जाता है। इससे वे सही समय पर उपचार नहीं करवा पातीं। अगर किसी महिला को मिर्गी है तो शादी से पहले इस बात की जानकारी ससुराल पक्ष को देना जरूरी है, ताकि बाद में किसी तरह की परेशानी न हो।

मिर्गी से पीड़ित लोगों को कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए

नशा न करें, शराब, भांग और स्मोकिंग से बचें।

गहरे पानी में जाने या स्वीमिंग करने से बचें।

ऊंचाई से गिरने के खतरे को कम करने के लिए मल्टी-स्टोरी बिल्डिंग में लिट का उपयोग करें।

नींद की कमी दौरों को ट्रिगर कर सकती है। इसलिए मिर्गी रोगी को 7 से 9 घंटे की नींद लेनी चाहिए।

मिर्गी रोगी को ध्यान, सांस लेने के व्यायाम, योग से तनाव को कम करने में मदद मिल सकती है।

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Rajasthan E Khabar Webdesk

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