कोटा न्यूज़ डेस्क – कोटा के स्टेशन आर्मी एरिया में दक्षिण पश्चिमी कमान अलंकरण समारोह का आयोजन किया गया। यहां भारतीय सेना के नई तकनीक के आधुनिक हथियार, टैंक, रडार सिस्टम, कैमरे, रोबोट और एयर डिफेंस गन, उन्नत तकनीक की राइफल और ग्रेनेड प्रदर्शित किए गए। समारोह में 24 से अधिक कॉलेज, स्कूली छात्र-छात्राएं, एनसीसी कैडेट और सेना परिवार के सदस्य शामिल हुए। उन्होंने भारतीय सेना में मौजूद आधुनिक हथियारों को देखा और उनके बारे में जानकारी हासिल की।
भारतीय सेना के अधिकारियों ने बताया- कोटा में आधुनिक हथियारों की दो दिवसीय प्रदर्शनी भी लगाई गई। छात्रों और आम लोगों को बताया गया कि हथियारों का इस्तेमाल कैसे किया जाता है। उनकी मारक क्षमता कितनी है। उनका वजन कितना है और उन्हें कैसे चलाया जाता है। युवाओं और आम लोगों को भारतीय सेना से जोड़ना भी प्रदर्शनी के आयोजन का एक उद्देश्य है।
भारतीय सेना के परिवारों से आए परिजनों ने इस प्रदर्शनी में आधुनिक हथियारों को देखा। महाराष्ट्र से आई निर्मला ने कहा- भारतीय सेना के पास इतने आधुनिक हथियार हैं। आज पहली बार इन्हें देखकर बहुत अच्छा लगा। इस प्रदर्शनी में जिस तरह के हथियार रखे गए हैं, उन्हें देखकर छात्र, बच्चे, सभी को बहुत कुछ सीखने को मिलता है, नई युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलती है।
इन आधुनिक हथियारों और टैंकों की प्रदर्शनी
T90 भीष्म टैंक – यह भारतीय सेना का सबसे आधुनिक टैंक भीष्म है। यह टैंक 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकता है। इसमें 125 एमएम की स्मूथबोर गन लगी है, जो कई तरह के गोले दागने में सक्षम है। इसमें एंटी एयरक्राफ्ट गन लगी है, जो 2 किलोमीटर के दायरे में निशाना लगा सकती है। यह टैंक दिन या रात में 8 किलोमीटर (5 मील) दूर तक के लक्ष्यों का पता लगा सकता है। यह टैंक जंगलों, पहाड़ों और दलदली इलाकों में तेजी से आगे बढ़ सकता है। इसमें एक ऑटोमैटिक लोडर भी लगा है जो गन की फायरिंग रेट को बढ़ाता है। इसमें स्मोक ग्रेनेड लॉन्चिंग सिस्टम भी लगा है।
टैंक T 72- यह एक ऐसा टैंक है जिसका इस्तेमाल दुनिया भर के अलग-अलग देशों में हुए युद्धों में किया गया है। इस टैंक का वजन 41 टन है और इसकी रेंज आधा किलोमीटर से लेकर 5 किलोमीटर तक है। आर्मर्ड रिकवरी व्हीकल इस वाहन का इस्तेमाल युद्ध में क्षतिग्रस्त हुए टैंकों की मरम्मत और रिकवरी के लिए किया जाता है।
ट्रोल टैंक T72- इसका इस्तेमाल खनन क्षेत्रों में छिपी हुई खदानों से टैंक को बचाने के लिए किया जाता है। यह पीछे चल रहे टैंक के लिए रास्ता बनाता है।
रोबोटिक ओरिजिन– इस रोबोट का इस्तेमाल पहली बार भारतीय सेना में किया जा रहा है। इस रोबोट के अंदर कैमरे लगे हुए हैं। यह पानी में एक फुट तक चल सकता है। यह बर्फ पर भी चल सकता है। इस रोबोट को चार्ज करने के बाद यह लगातार 3 घंटे तक काम कर सकता है। इसमें पांच कैमरे लगे हुए हैं। इसमें 32GB रैम भी है। यह रोबोट -40 डिग्री सेल्सियस से लेकर 55 डिग्री सेल्सियस तक काम कर सकता है। इस रोबोट का वजन 52 किलोग्राम है।
बीएमपी टैंक– इसमें एयर डिफेंस गन लगी हुई है जो 360 डिग्री घूमती है। यह हेलीकॉप्टर को भी मार गिरा सकता है। बीएमपी टैंक पानी में भी तैरता है।
रडार सिस्टम- भारतीय सेना में यह मशीन आसमान में ढाल का काम करती है। यह अपनी रेंज में आने वाली किसी भी मिसाइल को नष्ट कर देती है। यूक्रेन-रूस युद्ध में दूसरे देशों ने भी इस सिस्टम का इस्तेमाल किया था।
बुलेट प्रूफ वाहन- मेक इन इंडिया के तहत महिंद्रा कंपनी ने भारतीय सेना के लिए बुलेट प्रूफ कवच वाहन बनाया है, जो फायरिंग और पत्थरबाजी को रोकने का काम करता है। पहले भारत को ऐसे वाहन दूसरे देशों से खरीदने पड़ते थे।
ट्रक ब्रिज– भारतीय सेना में जब भी कहीं नदी या बड़ा नाला आता है तो सेना के ट्रक टैंक को उस नदी के ऊपर ले जाने के लिए यह पुल बनाया जाता है।